युवक का शव 26 दिन बाद कंबोडिया से भारत पहुंचा, परिजनों ने किया अंतिम संस्कार

डेराबस्सी से अमेरिका के लिए निकला था रणदीप सिंह, परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
निजी संवाददाता- डेराबस्सी
डेराबस्सी के तहत शेखपुरा कलां गांव से डोंकी द्वारा अमेरिका जा रहे 24 वर्षीय रणदीप सिंह पुत्र बलविंदर सिंह की 22 फरवरी को बीच रास्ते दूसरे देश कंबोडिया में मौत हो गई थी। तब से उनका पार्थिव शरीर कंबोडिया में था, जो मंगलवार रात करीब 10 बजे दिल्ली पहुंचा। इसके बाद परिवार ने मृत शरीर को लेकर पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह करीब 10 बजे गांव के श्मशान घाट में किया। इस मौके हलका विधायक कुलजीत रंधावा ने भी परिवार के साथ दुख सांझा किया। रणदीप के शव को गांव तक लाने में करीब 6 लाख रुपए का खर्च आया। परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण उन्हें बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। यह देखकर राजनीतिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक संगठन परिवार की मदद के लिए आगे आए।
ग्रामीणों ने भी परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की। वर्णनीय है कि रणदीपए जो दसवीं कक्षा तक पढ़ा था और एक गरीब दिहाड़ी मजदूर परिवार का युवा बेटा था। वह नौ महीने पहले अपने एक ट्रैवल एजेंट रिश्तेदार के बहकावे में आकर अमेरिका जाने के लिए घर से निकल गया था। इसके लिए परिवार ने 25 लाख रुपए का जैसे तैसे इंतजाम किया लेकिन अमेरिका पहुंचने के बजाय वह वियतनाम और फिर कंबोडिया में फंस गए। रास्ते में एजेंटों ने उनका जाली पासपोर्ट बना लिया और उन्हें धोखे से कंबोडिया भेज दिया, ताकि वे अमेरिका के बजाय कनाडा जा सकें। बिना पासपोर्ट के करीब 4 महीने से यहां छिपे रणदीप की तबीयत बिगड़ गई और वहां ईलाज दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार की हालत खराब होने कारण शव को लाने में उन्हें दिक्कत पेश आई, जिसके बाद मिली आर्थिक मदद से शव भारत लाया गया और संस्कार किया गया।
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