एक दिल है… बच्चों-नौजवानों को क्यों हो रहा हार्ट अटैक, वजह जानकर चौंक जाएंगे

By: Mar 13th, 2025 4:42 pm

पंकज राणा—टीएमसी

हिमाचल समेत देश भर में इन दिनों एक समस्या काफी गंभीर बन गई है। और यह है….हार्ट अटैक। आज के इस भागदौड़ भरे समय में ऐसा देखा जा रहा है कि हर उम्र के व्यक्ति में हार्ट से जुड़ी कोई न कोई समस्या है। कम उम्र में हार्ट अटैक आना भी मानो अब आम हो गया है। आए दिन सोशल मीडिया पर भी इस तरह के कई वीडियो काफी वायरल हो रहे हैं। इसी को लेकर दिव्य हिमाचल के संवाददाता पंकज राणा ने टांडा मंडिकल कालेज के कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष मुकुल भटनागर से बातचीत की, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। डा. मुकुल भटनागर ने बताया कि हार्ट एक पंप है, जो हमारी बॉडी को ब्लड और फूड सप्लाई करता है। जब दिल किसी वजह से पंपिंग नहीं कर पाता या उसकी नसों में ब्लॉकेज आ जाती है, तो धीरे-धीरे पंपिंग कम हो जाती है, तो उस अवस्था में हार्ट अटैक आता है। इस कारण हार्ट में ब्लड की सप्लाई रुक जाती है और इनसान को हृदयघात आ जाता है।

हार्ट अटैक के कारण
हार्ट अटैक आने के कई कारण हैं। रिस्क फैक्टर के कारण हार्ट अटैक आता है, जिसमें ब्लड प्रेशर, शुगर, हाई कोलेस्ट्रॉल, फैमिली हिस्ट्री और सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है। इन सबकी वजह से हार्ट में खून जम जाता है, नसें सिकुड़ जाती हैं, जिस कारण हार्ट अटैक आने के चांस बढ़ जाते हैं।

महिलाओं को क्यों आता है हार्ट अटैक
अब मन में सवाल यह है कि महिलाएं, तो धूम्रपान नहीं करती हैं, फिर उन्हें हार्ट अटैक क्यों आता है। इस पर डाक्टर मुकुल भटनागर ने बताया कि महिलाओं में हार्ट अटैक की संभावना महावारी के बाद बढ़ जाती है, क्योंकि महावारी के बाद महिलाओं में हार्मोन्स में बदलाव आते हैं, जिसके बाद उनमें हार्ट अटैक के चांस बढ़ जाते हैं।

स्मोकिंग है सबसे बड़ा कारण
महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को हार्ट अटैक ज्यादा आते हैं। इसकी मुख्य वजह स्मोकिंग है। डाक्टर मुकुल भटनागर ने बताया कि स्मोकिंग के कारण ही यंग एज में पुरुषों को हार्ट अटैक आ रहे हैं।

हृदयघात के लक्षण
डाक्टर मुकुल भटनागर ने बताया कि हार्ट अटैक के समय सबसे पहले छाती में दर्द होता है। लेफ्ट आर्म और जबड़े में दर्द होता है। अगर इस तरह का दर्द हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डा. मुकुल ने बताया कि कई बार गैस का दर्द भी हार्ट अटैक की तरह होता है, इसलिए इस तरह के दर्द को नजरअंदाज न करें और डाक्टर से जांच करवाएं। महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण एक जैसे ही होते हैं। इसके अलावा चलती बार सांस फूलना, थकान महसूस करना, चक्कर आना आदि भी हार्ट अटैक के शुरूआती लक्षण होते हैं।

हार्ट अटैक आने पर क्या करें
डाक्टर मुकुल भटनागर ने बताया कि हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर ईसीजी करवाएं, ताकि पता लगाया जा सके कि हार्ट अटैक ही हुआ है। इसके अलावा मरीज को तुरंत एस्परिन, क्लोपिवाइस या एटोर्वास्टेटिन की गोली को खिलाएं। साथ में सार्विट्रीट की गोली, जिसे जीभ के नीचे रखा जाता है, तुरंत मरीज को देनी चाहिए, लेकिन ये गोलियां ईसीजी के बाद ही लेनी चाहिए।

डाइट प्लान क्या होना चाहिए
हार्ट अटैक से बचने के लिए हमें सबसे पहले अपना लाइफस्टाइल बदलना होगा। इसमें एक्सरसाइज और डाइट दोनों की अहम भूमिका है। हार्ट अटैक के लिए मोटापा काफी जिम्मेदार है। मौजूदा लाइफस्टाइल में लोग चलते-फिरते नहीं हैं। व्यायाम नहीं करते। जंक फूड ज्यादा लेते हैं। इन सबसे परहेज करना होगा। प्रोटीन ज्यादा लेनी होगी, जबकि कार्बोहाड्रेट को कम करना होगा। हरी सब्जियां ज्यादा लेनी चाहिए, फ्रेश फू्रट खाना चाहिए। शुगर फ्री फ्रूट पर ज्यादा ध्यान देना होगा। चीनी और कोल्डड्रिंक्स से परहेज करें।

सर्दियों में क्यों आते हैं हार्ट अटैक
डाक्टर मुकुल ने बताया कि सर्दियों में हार्ट अटैक की संभावना सिकुडऩ की वजह से बढ़ जाती है। डाक्टरों की सलाह रहती है कि सर्दियों में अल सुबह सैर से परहेज करना चाहिए। सुबह पांच-छह बजे की बजाय धूप निकलने के बाद सैर करें, तो हार्ट अटैक से बचा जा सकता है। टांडा मेडिकल कॉलेज में रोजाना पांच से सात मरीज हार्ट अटैक के पहुंच रहे हैं। इसके अलावा 15-20 लोगों की एंज्योग्राफी रोजाना टांडा मेडिकल कॉलेज में हो रही है। यही नहीं, हर महीने 100 से 150 मरीजों को स्टंट भी डाले जा रहे हैं।

सीपीआर देने का तरीका
डाक्टर मुकुल भटनागर ने बताया अगर किसी को हार्ट अटैक आया है और वह बेहोश हो गया है, तो उसे हास्पिटल तक पहुंचाने के बीच सीपीआर दें। मरीज यानी कि पेशेंट के दिल की धडक़न को चलाते रहें और इसके लिए सीपीआर सबसे बढिय़ा ऑप्शन है। सीपीआर देने के लिए दोनों हाथों को मरीज की छाती पर रखें और चार से छह इंच तक दबाते रहें। एक मिनट में हमें कम से कम 60 बार पेशेंट की छाती को दबाना होगा। यानी हर पांच-छह सेकेंड के बाद पेशेंट को धडक़न दें, ताकि पेशेंट को अस्पताल तक पहुंचाया जा सके। इसके अलाव लिप-टू-लिप पेशेंट को सांस देना भी बेहद जरूरी है। अगर ऐसा करेंगे, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।

कोरोना वैक्सीन कारण तो नहीं
अकसर यह सवाल उठते हैं कि कोरोना वैक्सीन के बाद हार्ट अटैक के केस बढ़े हैं। इस पर डाक्टर मुकुल भटनागर ने बताया कि एक छोटी सी स्टडी आई थी, जिसमें बताया गया था कि इसमें थोंबोसिस के चांस बढ़ते हैं, लेकिन इस तरह के मरीजों का बहुत बड़ा आंकड़ा नहीं है। यह माइनर है। कुछ दवाइयां हो सकती हैं, जिनके यह साइटइफेक्ट हो सकते हैं। कोरोना के बाद हार्ट अटैक के केस ज्यादा बढ़े हैं, ऐसा नहीं है।

बच्चों और युवाओं को क्यों आ रहे हार्ट अटैक
मौजूदा समय में बच्चे और नौजवान भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। इस पर डाक्टर मुकुल भटनागर ने बताया कि मौजूदा लाइफस्टाइल, स्मोकिंग और जंक फूड हार्ट अटैक का बड़ा कारण है। बच्चे जंक फूड को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं और जब वे 20-25 साल की एज तक पहुंचते हैं, तो उन्हें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।


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