सदन में सत्तापक्ष-विपक्ष में नोक-झोंक, डिप्टी CM बोले, भाजपा ने प्राइवेट सेक्टर को बेच दी संपत्तियां

डिप्टी सीएम मुकेश बोले, भाजपा ने प्राइवेट सेक्टर को बेच दी संपत्तियां
जयराम का आरोप, एडीबी प्रोजेक्ट पर अब तक खर्च ही नहीं हुआ पैसा
चीफ रिपोर्टर — शिमला
विधानसभा में चल रही बजट चर्चा में गुरुवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कई मामलों में तीखी नोक-झोंक देखने को मिली। टूरिज्म को एडीबी से मिले प्रोजेक्ट को लेकर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के बीच तकरार हो गई। चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी ने जब यह कहा कि भाजपा ने अपने कार्यकाल में एडीबी प्रोजेक्ट का दुरुपयोग किया, तो इस पर विपक्ष के नेता भडक़ उठे। जयराम ठाकुर ने इस पर कहा कि एडीबी का जो प्रोजेक्ट पूर्व सरकार लेकर आई थी, उस पर अभी तक डीपीआर भी नहीं बनी, तो पैसा कहां से खर्च डाला। विधायक गलत तथ्य सदन में रख रहे हैं, जो कि सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि एडीबी प्रोजेक्ट 2400 करोड़ का हम लेकर आए थे, मगर अब तक सरकार इस पर काम ही नहीं कर पाई है। इस पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि एडीबी के तहत कुल्लू-मनाली व सराज में संपत्तियों को पूर्व सरकार प्राइवेट सेक्टर को दे रही थी। यहां तक की क्यारी बंगला का टूरिज्म होटल भी प्राइवेट कंपनी को देने की तैयारी थी। इससे पूर्व संजय अवस्थी ने कहा कि हिमाचल में माइनस ग्रोथ वाला बजट भाजपा के समय में वर्ष 1990 से 92 के बीच आया था, जब यहां पर भाजपा सरकार थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष को हिमाचल में सकारात्मक रूप से विकास नजर नहीं आ रहा।
बेरोजगारों को नौकरी
कांग्रेस विधायक राकेश कालिया ने कहा कि बजट में सीनियर सिटिजन के लिए शुरू की गई स्वास्थ्य व्यवस्था की योजना सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इस बजट में हर वर्ग को ध्यान में रखा गया है। श्री कालिया ने कहा कि गाय व भैंस के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने को लेकर भी सरकार ने बेहतर निर्णय लिया है। बजट में युवाओं के लिए भी 25 हजार नौकरियों का प्रावधान किया गया है।
70 करोड़ का अंतर
विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि बीते बजट के मुकाबले इस बार पेश किए गए बजट में मात्र 70 करोड़ का अंतर है। उन्होंने कहा कि सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है। सरकार का तीसरा बजट आ गया और अब सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। मंडी शिवधाम के लिए दो वर्ष में कुछ नहीं किया और अब सरकार को उसका ध्यान आ रहा है।
सरकार सैलरी-पेंशन को भी गिना रही उपलब्धि
विधायक पवन काजल ने बजट चर्चा में बोलते हुए कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि सरकार सैलरी व पेंशन देने की उपलब्धि गिना रही है। उन्होंने कहा कि जब आप वादे पूरे नहीं कर सकते, तो क्यों इस तरह के वादे लोगों से किए गए। उन्होंने कहा कि सीएम से कर्मचारी, विधायक और मंत्री भी नाराज हैं।
नाबार्ड से मिली 421 योजनाओं को मंजूरी
पिछले तीन वर्षों में पहली जनवरी, 2022 से 20 फरवरी, 2025 तक प्रदेश में विधायक प्राथमिकता के अंतर्गत 421 योजनाओं को नाबार्ड द्वारा स्वीकृत किया गया है। योजना विभाग के पास वर्तमान में विधायक प्राथमिकताओं की 41 योजनाओं की डीपीआर विचाराधीन हैं, जिन्हें परीक्षणोपरांत नाबार्ड को स्वीकृति हेतु भेजा गया है। एक लिखित सवाल के उत्तर में यह जानकारी दी गई।
नाकामियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार न ठहराएं
विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा दूसरों पर फोडऩे का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में सबसे कम वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा एक तो बजट का आकार नहीं बढ़ा, वहीं जो आंकड़े पेश किए गए, उनके अनुसार विकास के लिए अब 100 में 24 रुपए ही रह गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में प्रदेश में विकास रुक जाएगा।
केंद्र कर रहा मदद, मगर सरकार ने कोई जिक्र नहीं किया
चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल की कई योजनाओं के तहत मदद कर रही है, मगर बजट में कहीं भी इसका जिक्र नहीं किया गया। उन्होंने 6,390 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य में निवेश नहीं बढ़ेगा, तब तक यह घाटा बढ़ता रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सकल घरेलू उत्पादन के तीन फीसदी से अधिक कर्ज लेने के कारण राज्य की कैपिंग की गई है। ऐसा उस स्थिति में होता है, जब कोई सरकार तय की गई लिमिट से अधिक ऋण लेती है। जिस एनपीएस राशि का केंद्र सरकार के पास पड़े होने का बार-बार सत्ता पक्ष उल्लेख करता है, कर्मचारियों को वह राशि सेवानिवृत्ति पर मिलेगी।
केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश को हजारों आवास आबंटित करने के अलावा प्राकृतिक आपदा के समय मनरेगा के तहत 1,100 करोड़ रुपए की मदद की गई है। इसके अलावा केंद्रीय करों में हिस्सेदारी को 32 से बढ़ाकर 42 फीसदी किया गया है। विपिन परमार के स्वास्थ्य क्षेत्र पर लगाए आरोपों पर यहां विधायक रघुवीर सिंह बाली ने टांडा में कैथ लैब बंद होने की बात को नकारा। उन्होंने कहा कि सदन में काल्पनिक बातें नहीं की जानी चाहिए। वहां पर पांच कार्डियोलॉजिस्ट होने के अलावा स्टंट भी सामान्य प्रक्रिया के तहत बदले जा रहे हैं।
पंचायतों को साडा से बाहर करें
लाहुल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने बजट चर्चा में बोलते हुए कहा कि काजा में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो पाई है। उन्होंने सरकार से अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती की मांग की। साथ ही कहा कि लाहुल-स्पीति पर्यटन की दृष्टि से प्रचलित होता जा रहा है, लेकिन यहां पर पर्यटन अधिकारी की पोस्ट क्रिएट नहीं हुई। उन्होंने यहां पर खेल अधिकारी के पद भरने की भी मांग को उठाया। उन्होंने कहा कि होम-स्टे को लेकर कई तरह की नई कंडीशन लगाई गई हैं। लाहुल-स्पीति छह महीने तक बर्फ से ढका रहता है ऐसे में सरकार जनजातीय क्षेत्र को इस तरह की कंडीशन से रियायतें दे।
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