सेब के बगीचों में फूल आना शुरू

स्टाफ रिपोर्टर-कुमारसैन
उपमंडल कुमारसैन के मंधावनी, कोटगढ़, थानेधार, सांगरी, छबिशी, कोटीघाट कांगल कचीन घाटीए करेवथी, शिवान, में सेब के बगीचों मे फूल आने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जबकि बादाम और पलम खुमानी, आडू, फसलों की सेटिंग निचले क्षेत्र मे पूर्ण हो चुकी है। स्थानीय बागबानों के मुताबिक सेब की अच्छी पैदावार के लिए परागण किस्मो के पौधों के आलावा मधुमक्खियां प्रांगण क्रिया में मुख्य भूमिका निभाती है इसलिए बगवान अपने बगीचे में मधुमक्खियां के बक्से फ्लोरिंग के समय लगते हैं। बागबानी विशेषज्ञों के मुताबिक बगीचों में परागण के लिए समय पर माउंन बॉक्स रखे जाए तो औसतन सेब उत्पादन में भी 25 से 40: बढ़ोतरी की जा सकती है।
बागवानी विशेषज्ञों ने सलाह दिए कि वह अपने बगीचों में उचित दर पर परागण किस्म के पौधे भी जरूर लगाए। इसके विपरीत परिस्थितियों में भी से की अच्छी पैदावार हो सकती है। सेब के बगीचों में लगभग 33 प्रतिशत विभिन्न प्रांगण किस्म के पौधों का होना जरूरी है। प्रगतिशील बागबान का कहना है कि प्रांगण क्रिया में प्रांगण किस्म के पौधों के अलावा मधुमक्खियां विशेष भूमिका निभाती है माउंन बॉक्स में सात से आठ फ्रेम होना जरूरी है बॉक्स ऐसी जगह स्थापित करें जहां अच्छी धूप खिलता है उसका तेज हवाएं ना चलती हो मधुमक्खी के बॉक्स से उसे समय लगे जब 10 से 15: फूल खिल चुका हो तथा उसे समय कीटनाशक का छिडक़ाव बिल्कुल ना करें। कीटनाशक का छिडक़ाव सेटिंग होने के बाद ही करना चाहिए ताकि फसल की पैदावार सही ढंग से हो सके मधुमक्खियां को भी नुकसान न पहुंचे।
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