शोभायात्रा का हिस्सा नहीं बनी भगवान परशुराम की मुख्य पालकी

जामूकोटी प्राचीन देवठी के जीर्णोंद्वार के चलते नहीं मिली देव आज्ञा
कार्यालय संवाददाता-नाहन
भगवान परशुराम जन्मोत्सव अवसर पर इस मर्तबा पहली बार तीर्थ श्रीरेणुकाजी में प्रतिवर्ष शोभा यात्रा का अहम हिस्सा बनने वाली भगवान परशुराम की जामकोटी की चंादी की पालकी ने शिरकत नहीं की। शोभायात्रा में कटाहं-शीतला स्थित भगवान परशुराम की पालकी ही शोभायात्रा का हिस्सा बनी। गौर हो कि जामूकोटी स्थित प्राचीन भगवान परशुराम मंदिर में इन दिनों प्राचीन देवठी का जीर्णोंद्वार कार्य जारी है। वहीं मंदिर के वरिष्ठ कारदार अमर सिंह ठाकुर, परशुराम सेवादल के वरिष्ठ सदस्य राजेंद्र ठाकुर, जोगेंद्र ठाकुर इत्यादि ने बताया कि जामूकोटी प्राचीन देवठी के जीर्णोंद्वार के चलते भगवान परशुराम को मूल स्थान से अन्य स्थान पर रखा गया है।
वहीं मंदिर निर्माण व देव आज्ञा के बाद ही अब परशुराम भगवान के देव कारज आगामी दौर संपन्न हो पाएंगे। हालांकि भगवान परशुराम के मंदिर का जीर्णोंद्वार कार्य कटाहं-शीतला में भी चला हुआ है। वहीं भगवान को यहां भी मूल स्थान से अलग स्थान पर विराजमान किया गया है, मगर यहां से देव पालकी शोभा यात्रा के लिए पहुंची है। उधर, जामूकोटी के भगवान परशुराम के कारदार बताते हैं कि शोभायात्रा में शामिल होने के लिए देव आज्ञा गुर के माध्यम से नहीं मिली है। वहीं अब मंदिर जीर्णोंद्वार के बाद ही आगामी मां-पुत्र के पावन मिलन के प्रतीक के दौरान कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी को ही भगवान परशुराम माता रेणुकाजी से मिलने पहुंच पाएंगे।
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