नहीं लगने देंगे बिजली प्रोजेक्ट, पूर्व मंत्री ने स्पीति घाटी में प्रस्तावित परियोजना का किया विरोध

निजी संवाददाता — सोलन
पूर्व मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने स्पीति घाटी में प्रस्तावित बिजली परियोजना का कड़ा विरोध किया व कहा कि वह इसके खिलाफ व विधायक के साथ एकजुट मंच पर आने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि स्पीति जैसे संवेदनशील क्षेत्र में बिना स्थानीय लोगों की सहमति के किसी भी परियोजना को थोपना उचित नहीं है। रामलाल ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सोचना होगा। प्रदेश सरकार को प्रस्तावित बिजली परियोजना को रोककर जनता की भावनाओं और पर्यावरणीय संतुलन को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों में भी इस परियोजना को लेकर गहरी चिंता में है। यह परियोजना क्षेत्र की पारिस्थितिकी, संस्कृति और जीवनशैली को नुकसान पहुंचा सकती है।
सरकार विकास के बजाय रेवडिय़ां बांटने का काम कर रही है। जनता को लुभाने के लिए योजनाएं घोषित की जा रही हैं, लेकिन जमीन पर उनका कोई ठोस असर दिखाई नहीं देता। उन्होंने कहा कि जनता को भ्रमित कर वोट हासिल करना ही सरकार की प्राथमिकता बनती जा रही है, जो चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के बजट में लाहुल-स्पीति को पहले नौ प्रतिशत हिस्सा मिला करता था। इस बार जनजातीय क्षेत्र में तकरीबन 2.71 प्रतिशत ही मिला है। ऐसा हिमाचल प्रदेश में पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार दो हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाने की बात कर रही है, लेकिन इसका वह विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि उसका कोई टेंडर नहीं हुआ। बैक डोर एंट्री के माध्यम से ही टेंडर लगाया गया। पूर्व मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि प्रदेश सरकार लाहुल में बने एकमात्र कालेज को भी बंद करना चाहती है।
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