बिजली दर की बढ़ोतरी पर किसान यूनियन में रोष

कृषि ट्यूबवेल कनेक्शनों के बढ़े बिल पर घेरी प्रदेश सरकार, फैसले को वापस लेने की उठाई मांग
कार्यालय संवाददाता-पांवटा साहिब
भारतीय किसान यूनियन ने प्रदेश सरकार द्वारा कृषि ट्यूबवेल कनेक्शनों की बिजली दरों में बढ़ोतरी के फैसले का रोष व्यक्त किया है। यूनियन ने संयुक्त बयान में कहा कि यह अपने आप में पहला ऐसा फैसला है, जिसे किसी भी कांग्रेस या गैर-भाजपा शासित राज्य ने लिया है, जबकि इन सभी राज्यों ने किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में किसानों के हितों और विरोध का समर्थन किया था। यहां तक कि वर्तमान कांग्रेस नेतृत्त्व वाली राज्य सरकार भी किसानों की सहानुभूति और उनके हितों के लिए काम करने के वादों के बल पर सत्ता में आई थी, लेकिन अब तक किसानों को दी गई गारंटी के अनुरूप कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है। अब यह कई गुणा बढ़ोतरी निश्चित रूप से हिमाचल के किसानों खासकर मैदानी क्षेत्रों के उन किसानों को गहरा झटका देगी, जिन्होंने पुराने नहर तंत्र के मरम्मत के अभाव में भारी खर्च कर बोरवेल लगवाए हैं, ताकि पानी की कमी से निपटा जा सके।
इस दौरान किसान यूनियन इस बढ़ोतरी का डटकर विरोध करेगी और जब तक यह बढ़ोतरी वापस नहीं ली जाती तब तक बिजली विभाग को अपने खेतों में मीटर रीडिंग के लिए प्रवेश नहीं करने देगी। साथ ही मुख्यमंत्री से भी अनुरोध किा कि वह इस बढ़ोतरी की नोटिफिकेशन पर पुनर्विचार करें और इसे वापस लें। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष अनिंद्र सिंह पंधेर (नॉटी), भारतीय किसान यूनियन हिमाचल प्रदेश गुरजीत सिंह सैणी महासचिव, चरणजीत सिंह जैलदार उपाध्यक्ष, जसबिंदर बिलिंग ब्लॉक अध्यक्ष ने बढ़ी बिजली की दरों को तुरंत वापिस लेने के लिए सरकार से अपील की है।
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