• About
  • Contact
  • CMD
  • Advertise
  • Jobs
  • Free Classifieds
  • Epaper
Divya Himachal
Divya Himachal
Divya Himachal
  • हिमाचल
  • देश-विदेश
  • स्थानीय
    • ऊना
    • कांगड़ा
    • किनौर
    • कुल्लू
    • चंबा
    • बिलासपुर
    • मंडी
    • लाहुल-स्पीति
    • शिमला
    • सिरमौर
    • सोलन
    • हमीरपुर
  • आर्थिक
  • खेल
  • विचार
    • संपादकीय
    • वैचारिक लेख
    • पाठकों के पत्र
    • प्रतिबिम्ब
    • दखल
    • अपनी माटी
    • मेरा पक्ष
    • हिमाचल फोरम
  • यूथ लाइफ
  • कर्मचारी
  • मैगजीन
    • आस्था
    • कम्पीटीशन रिव्यू
  • पड़ोस
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • उत्तराखंड
  • मनोरंजन
  • Epaper
  • DH TV
विशेष

धौलागढ़ देवी मंदिर: कहां है यह मंदिर और क्या है इस मंदिर से जुड़ी खास बात, जानिए

By: divyahimachal May 13th, 2025 9:00 pm
Please wait...

दिव्य हिमाचल निशुल्क न्यूज़लैटर

* आपकी पसंद और आवश्यकता के सभी समाचार एक साथ
* ⁠विशेष समाचारों की तुरंत नोटिफिकेशन, ताकि आप पढ़ें सबसे पहले
… तो फिर इंतजार कैसा?
इस निशुल्क सुविधा का लाभ उठाने के लिए दर्ज करें निम्न जानकारी और निरंतर जुड़े रहें हिमाचल व देश-दुनिया के साथ 
SIGN UP FOR NEWSLETTER NOW
×

भक्त और भगवान का रिश्ता कई अटूट विश्वास से बंधकर बनता है। ईश्वर के प्रति आस्था और श्रद्धा के लिए भक्त को किसी शर्त या किसी सबूत की जरूरत नहीं पड़ती है। भारतीय इतिहास से लेकर वर्तमान तक हम इस तरह की कई भगवान के प्रति भक्त की ईश्वरीय आस्था की सच्ची कहानियां सुनते आए हंै। राजस्थान के अलवर जिले के बहतुकला गांव में धौलादेवी का मंदिर ऐसी ही सच्ची कहानी को बतलाता है। जहां एक भक्त माता की भक्ति में अपने प्राण त्याग देता है, तो कहीं माता से झूठ बोलना भक्त पर भारी पड़ जाता है। आइए जानते हैं राजस्थान के इस मंदिर के बारे में। कहां स्थित है यह मंदिर- माता धौल देवी का मंदिर राजस्थान के अलवर जिले के बहतुकला गांव में स्थित है। इस मंदिर से जुड़ी खास बात यह है कि इस मंदिर से जितनी आस्था अलवर जिले के और दौसा के लोगों की है, उससे कहीं ज्यादा यहां उत्तर प्रदेश के आगरा और मथुरा के लोगों की है। इस राज्य के लोगों की माता के इस मंदिर में बड़ी संख्या में आस्था का कारण यह भी है कि माता को यहां के लोग अपनी कुलदेवी के रूप पूजा-अर्चना करते हैं।

माता की कृपा और आस्था की कहानी- मंदिर से जुड़ी कहानी यह है कि एक दिन जब एक बंजारा आराम करने के लिए मंदिर में रुका, तब देवी प्रकट होकर उस बंजारे से थैली में रखी वस्तु के बारे में पूछती हैं। बंजारा देवी की महिमा से अंजान बोल देता है कि नमक है। तभी माता उत्तर सुन चली जाती है। जब बंजारा जागने के पश्चात थैली को देखता है, जिसके बाद वह रो पड़ता है। तभी देवी प्रकट होती है और देवी से बंजारा माफी मांगाता है। जिसके बाद हीरे-मोती जवाहरात से उसका थैला भर गया। एक प्रचलित कहानी है यह भी है कि एक अनाथ कन्या जिसका नाम कधैला था, जोकि अपने भाई-भाभी के पास रहती थी। वह रोज गाय चराने जाती थी और घर देर से लौटती थी। तभी एक दिन उसके भाई-भाभी ने उसका पीछा किया उन्होंने देखा की कधैला राजसभा में मुख्य देवी के सिंहासन पर बैठी थी। जब कधैला की नजर अपने भाई-भाभी पर पड़ी तो उसने अपने प्राण उसी वक्त त्याग दिए। इस महीने लगता है मेला-राजस्थान में कई ऐसे आकर्षक मेलों का आयोजन होता है, जिसका आनंद लेने राज्य के बाहर से भी लोग आते हैं। इन मेलों में पर्यटकों की बड़ी संख्या देखने को मिलती है। धौलागढ़ देवी मंदिर में भी वैशाख महीने में बहुत बड़ा मेला लगता है। इस मेले में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ एकत्रित होती है। धौलागढ़ देवी मंदिर में भक्तों की अटूट आस्था व श्रद्धा का अनुमान इस मेले को देखने से ही लगता है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App or iOS App

यह भी देखें

  • फैंसी ड्रेस में चमकी अर्शिता की प्रतिभा
  • दाड़ला भलेठ में डायरिया के 13 नए मामले
  • राज्यपाल ने नवाजे एसवीएम के मेधावी


Topics

  • Himachal News Live
  • Punjab / Haryana News

Featured

  • epaper
  • Advertise with Us

Trending

  • स्थानीय
  • आर्थिक
  • मैगजीन
  • राशिफल

Important Links

  • चक दे हिमाचल
  • DH TV
  • विचार
  • यूथ लाइफ
  • कर्मचारी

Follow Us

Download Apps

© 2023 Managed by Himachal Digital Media. All Rights Reserved

  • About
  • Contact
  • Advertise
  • Jobs
  • Free Classifieds
  • Epaper
  • Privacy Policy