Himachal: मनरेगा लेबर के लिए मिले 248 करोड़, केंद्र सरकार ने दी राशि, दिसंबर से लंबित है भुगतान

राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा के तहत हिमाचल को एक अच्छी खबर मिली है। भारत सरकार से लंबित 248 करोड़ का भुगतान हो गया है। यह पैसा वेजिज का है, जो दिसंबर, 2024 से लंबित था। अब पंचायत में मनरेगा कामगारों को यह भुगतान हो जाएगा। हालांकि अभी भी मनरेगा के मैटेरियल में 52 करोड़ और प्रशासनिक खर्चों में करीब नौ करोड़ का भुगतान बाकी है। इस कारण पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग ग्राम रोजगार सेवकों और तकनीकी सहायकों का वेतन भी नहीं दे पा रहा है। विभाग के डाटा के मुताबिक हिमाचल में पिछले वित्त वर्ष में 1534 करोड़ का काम मनरेगा के तहत हुआ। पिछले साल के लिए 300 लाख कार्य दिवसों का लक्ष्य था, जबकि 395 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं। यानी परफॉर्मेंस 136 फीसदी रही है, लेकिन अभी तक 31 मार्च, 2025 तक की मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ था।
अब जाकर ये भुगतान हुआ है। 27 दिसंबर, 2024 से मनरेगा कामगारों को उनकी दिहाड़ी अब दी जानी है। हिमाचल में मनरेगा के तहत 7.16 लाख हाउस होल्ड और 10.26 लाख लोग पंजीकृत हैं, जिन्हें रोजगार चाहिए होता है। भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत सरकार ने मनरेगा के तहत होने वाले काम पर अभी तक कैपिंग लगा दी है। राज्य सरकार ने 417 लाख कार्य दिवसों की डिमांड की थी, जबकि भारत सरकार ने अभी तक सिर्फ 250 लाख कार्य दिवस ही अप्रूव किए हैं। पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने बताया कि कार्य दिवस बढ़ाने को लेकर बाद में मामला केंद्र से अलग से टेकअप किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल 31 मार्च, 2024 तक की अवधि के लेबर कंपोनेंट के पैसे आ गए हैं। इनका वितरण किया जा रहा है।
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