याद जरूर आएंगे किंग विराट कोहली

By: May 19th, 2025 12:05 am

विराट कोहली का क्रिकेट के प्रति समर्पण, उनकी मेहनत और जुनून हर युवा खिलाड़ी के लिए मिसाल है। उन्होंने अपने खेल से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व में नाम कमाया है। उनकी यात्रा हमें सिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर हौसला मजबूत हो तो कोई भी मंजिल पाई जा सकती है। आज जब वे टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं, तो करोड़ों प्रशंसक उन्हें दिल से धन्यवाद देना चाहते हैं। आपको नमन…

भारत में नेशनल गेम हाकी है, परंतु इमोशनल गेम अस्सी और नब्बे के दशक से ही क्रिकेट है। यहां क्रिकेट खेल से कहीं अधिक एक धर्म, एक जुनून और एक सामूहिक पागलपन है। मैं भी बचपन से क्रिकेट प्रेमी रहा हूं। मेरे गृह प्रांत हिमाचल प्रदेश में क्रिकेट का क्रेज नब्बे के दशक से ही चरम पर है। मेरे पैतृक कस्बे भरेड़ी के इर्द-गिर्द के लगभग हर छोटे-बड़े गांव की क्रिकेट टीम हुआ करती थी। क्रिकेट के प्रति दीवानगी ऐसी कि उन दिनों सीमित साधनों में ही हर आयु वर्ग के लोग या तो क्रिकेट खेलते थे या स्थानीय टूर्नामेंट से लेकर अंतरराष्ट्रीय मैचों तक के दर्शक थे। क्रिकेट और क्रिकेटर्स के बारे में जानकारी जुटाना हमारे सभी समकालीन लोगों का प्रिय शौक था। विश्व क्रिकेट पर विश्लेषण मजदूर वर्ग से लेकर ब्यूरोक्रेसी तक होता था। इंडियन क्रिकेट टीम की जीत पर पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल हो जाता था और वहीं मैच हारने पर राष्ट्रीय शोक। हमारी पीढ़ी के असंख्य युवाओं ने क्रिकेट के प्रति बेशुमार मोहब्बत के कारण अपने करियर को भी गंभीरता से नहीं लिया था। जेंटलमैन की इस गेम को क्लास से मास बनाने में कई खिलाडिय़ों का अतुलनीय योगदान है- फोकलोर हीरोज सुनील गावस्कर, सर्वकालिक महान आलराउंडर कपिल देव, क्रिकेट के भगवान भारत रत्न सचिन तेंदुलकर, कैप्टन कूल किंवदंती महेंद्र सिंह धोनी और वर्तमान में किंग विराट कोहली का नाम इसमें सम्मिलित है। हमारी संस्कृति आदिकाल से अधिनायकवाद और नायक पूजा वाली रही है, इसलिए इंडियन क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं रहा। उपरोक्त पांचों खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट में ‘सुपरस्टार कल्चर’ का अभिन्न हिस्सा रहे हैं।

भारतीय क्रिकेटर्स का संन्यास हमेशा ही सुर्खियों में रहता है। अभी हिटमैन रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा से क्रिकेट फैन निराश थे। परंतु अब किंग कोहली के संन्यास से विश्व क्रिकेट में एक युग का अंत हो गया। टेस्ट क्रिकेट में कोहली के दस हजार रन पूरे न करने की टीस सभी के दिल में है। क्योंकि विराट कोहली में टेस्ट और वनडे क्रिकेट में दस हजार रन स्कोर करके विश्व के चुनिंदा खिलाडिय़ों के एलीट क्लब में आने की क्षमता थी। अब तक सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा, कुमार संगकारा, रिकी पोंटिंग, महेला जयवर्धने, जैक कैलिस और राहुल द्रविड़ ही इस मील के पत्थर को अचीव कर चुके हैं। पूरा क्रिकेट जगत इस सूची में ंआने के लिए विराट कोहली की तरफ ललक भरी दृष्टि से देख रहा था। परंतु रिकॉर्ड पुरुष कोहली के संन्यास लेने से तमाम तरह की अटकलें समाप्त हो गईं। बावजूद इसके विराट कोहली भारतीय क्रिकेट के सबसे चमकते सितारों में से एक हैं। उनका जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली में हुआ था। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति उनका जुनून साफ नजर आता था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली की टीम से की और जल्द ही अपनी प्रतिभा से सबको प्रभावित किया। विराट कोहली ने 2008 में अंडर-19 वल्र्ड कप जीतकर देश का नाम रोशन किया और यहीं से उनकी अंतरराष्ट्रीय यात्रा शुरू हुई। विराट कोहली ने अगस्त 2008 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा। शुरुआत में उन्हें टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने खुद को साबित किया। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी शैली और निरंतर रन बनाने की क्षमता ने उन्हें ‘रन मशीन’ बना दिया। कोहली ने वनडे, टेस्ट और टी-20, तीनों फॉर्मेट में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। 2014 में महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद विराट कोहली को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया। उनकी कप्तानी में भारत ने कई ऐतिहासिक जीत दर्ज कीं और टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 स्थान हासिल किया। कोहली की आक्रामक कप्तानी और प्रेरणादायक नेतृत्व ने टीम इंडिया को एक नई पहचान दी। उनके नेतृत्व में भारत ने 68 टेस्ट में से 40 में जीत दर्ज की, जो एक रिकॉर्ड है। विराट कोहली की बल्लेबाजी की बात करें तो उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 9230 रन बनाए और 7 दोहरे शतक जड़े, जो किसी भी भारतीय कप्तान के लिए सबसे ज्यादा है। वनडे क्रिकेट में भी उन्होंने सबसे तेज 8000, 10000 और 12000 रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उनकी फिटनेस और अनुशासन की मिसाल आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है। कोहली को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें राजीव गांधी खेल रत्न, पद्म श्री, अर्जुन पुरस्कार और कई आईसीसी अवॉड्र्स शामिल हैं।

वे न सिर्फ एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं, बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी हैं। विराट कोहली ने अपने फाउंडेशन के जरिए समाज सेवा में भी योगदान दिया है और कई जरूरतमंद बच्चों की मदद की है। 14 साल तक टेस्ट क्रिकेट में राज करने के बाद उनका यह फैसला हर किसी को हैरान कर गया। वे पूरी तरह फिट थे, फॉर्म में थे, लेकिन फिर भी उन्होंने यह बड़ा कदम उठाया। विराट कोहली का क्रिकेट के प्रति समर्पण, उनकी मेहनत और जुनून हर युवा खिलाड़ी के लिए मिसाल है। उन्होंने अपने खेल से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व में नाम कमाया है। उनकी यात्रा हमें सिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर हौसला मजबूत हो तो कोई भी मंजिल पाई जा सकती है। आज जब वे टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं, तो करोड़ों प्रशंसक उन्हें दिल से धन्यवाद देना चाहते हैं। विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट को जो ऊंचाइयां दी हैं, उसके लिए देश हमेशा उनका आभारी रहेगा। धन्यवाद विराट कोहली, आपके योगदान और प्रेरणा के लिए। टेस्ट के सबसे सफलतम कप्तान से लेकर दुनिया के हर कोने में टेस्ट में भारत को सीरीज जिताना कोई आपसे सीखे, मैदान पर पहले ओवर से लेकर 90वें ओवर तक एक तरह की ऊर्जा और उत्साह को न पाकर हम सभी हमेशा आपको याद करेंगे किंग विराट कोहली। आपके योगदान को नमन।

सुरेश कुमार

शोधार्थी


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