लखपति हुआ दस ग्राम सोना

By: May 9th, 2025 12:05 am

उत्पादन के लिहाज से दुनिया में सोने की सबसे बड़ी खदान उज्बेकिस्तान के मुरुताऊ में है। 2015 में यहां से 61 टन सोना निकाला गया था। उम्मीद है कि केंद्र सरकार शीघ्र ही आभूषण उद्योग एवं स्वर्णकारों के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करते हुए सोने-चांदी के दामों को नियंत्रित करने के उपायों पर काम करेगी। इन दिनों आसमान छूती सोने-चांदी की कीमतों के चलते अपने बच्चों की शादी की तैयारियों में जुटे अभिभावकों में भय और असमंजस का माहौल व्याप्त है…

इस साल 22 अप्रैल मंगलवार को सोने ने नया रिकॉर्ड बनाया और पहली बार इसकी कीमत एक लाख रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई। सोना अब सिर्फ गहनों की मांग तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि लोग इसे निवेश और समृद्धि का प्रतीक मानकर भी खरीद रहे हैं। आने वाले समय में सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। वर्ष 2024-25 रिटर्न के लिहाज से 39 साल में सबसे अच्छा साल रहा है, जब सोने ने अपने निवेशकों को 33.31 फीसदी का रिटर्न दिया है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध को लेकर अनिश्चितताओं ने भी सोने को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में तनाव से भी सुरक्षित निवेश के लिए सोने की वैश्विक मांग बढ़ी है। दुनियाभर के केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं। 2022 से 2024 के बीच कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने हर साल 1000 टन से अधिक सोना खरीदा है। विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार इस समय विश्व के देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका 8133.46 टन स्वर्ण भंडार के साथ नंबर एक पर है तो जर्मनी 3351.53, इटली 2451.84, फ्रांस 2437 और चीन 2279.56 टन स्वर्ण भंडारों के साथ क्रमश: दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं, जबकि 876.18 टन स्वर्ण भंडार के साथ भारत विश्व में सातवें स्थान पर है।

नवीनतम जानकारी के अनुसार, 2025 में भारत सरकार के स्वर्ण भंडार में 879.6 टन सोना था। भारत में लॉकडाउन लागू होने के बाद 02 अप्रैल 2020 में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रति दस ग्राम सोने के दाम 45131 रुपए थे और 11 अगस्त 2020 को चांदी महंगी होकर 74000 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई थी और अब इन दोनों ही कीमती धातुओं ने एक लाख के आंकड़े को छू लिया है। भारतीय धर्म संस्कृति एवं स्थानीय रीति-रिवाजों के हिसाब से भारतीयों में सदैव सोने के प्रति दीवानगी एवं आकर्षण पाया गया है। हमारे देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के श्रृंगार में हीरे जवाहरात और सोने के आभूषणों का प्रयोग बहुतायत में देखा जा सकता है। भारतीय महिलाओं द्वारा शादी और धार्मिक अनुष्ठानों अथवा विशेष कार्यक्रमों में आभूषणों द्वारा अपना श्रृंगार करना अभी भी प्रचलन में है। यही वजह है कि शादी के मौके पर वर-वधू पक्ष द्वारा सोने की खरीददारी करना भी परंपरा का अभिन्न हिस्सा है और शुभ माना जाता है। आम भारतीय अपनी बचत का 11 फीसदी सोने में निवेश करता है। अनुमान है कि भारत में कुल 24000 टन सोना है जिसमें से अकेले भारतीय महिलाओं के पास 20000 टन सोना है। भारत में सोने का सालाना उत्पादन पंद्रह सौ किलोग्राम के आसपास है जबकि खपत लगभग 850 टन के आसपास है। भारत सरकार ने भी सोने की खरीद की ओर कदम बढ़ाए हैं और भारत का स्वर्ण भंडार करीब 28.56 अरब डॉलर का है। भारत हर साल लगभग 800 टन सोना आयात करता है। सोने के दामों में आगे कोई कमी आएगी, इस पर भी संशय बरकरार है। दुनिया भर में कुल सोने का 48 फीसदी जेवरात के रूप में लोगों के पास है। विश्व भर में अब तक 1 लाख 90 हजार 40 टन सोना निकाला गया है। जिसमें से 01 लाख 26 हजार टन सोना तो केवल 1950 के बाद ही खनन द्वारा उत्पादित किया गया है। इसके अलावा मुथूट फाइनेंस, मणपुरम फाइनेंस जैसे निजी बैंकों के पास भी 200 टन सोना है। मंदिरों के पास भी करीब 2500 टन सोना है। विश्व में चीन सोने का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।

2017 में चीन में 426.14 टन सोने का उत्पादन हुआ था। एसोचैम के अनुसार भारत की सोने की घरेलू मांग सालाना 900 टन है जबकि उत्पादन मात्र 1500 किलोग्राम के आसपास ही है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकता है और इसके लिए भारत सरकार को लगभग एक अरब डॉलर का निवेश करना पड़ेगा। वहीं गोल्डमाइंस कम्पनी आस्ट्रेलिया के निदेशक निक स्पेंसर का मानना है कि भारत हर साल 100 टन सोने का उत्पादन कर सकता है और इस प्रक्रिया में देश के एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकता है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने राजस्थान के उदयपुर जिले में लगभग 11.48 करोड़ टन सोने के भंडार का अनुमान लगाया है। देश का 88.7 फीसदी सोना कर्नाटक के कोलार, धारवाड़, हासन और रायचूर जिलों से निकाला जाता है।

कर्नाटक में 17 लाख टन सोने के अयस्क का भंडार है तो वहीं आंध्रप्रदेश, झारखंड और केरल से भी कुछ मात्रा में सोना निकाला जा रहा है। उत्पादन के लिहाज से दुनिया में सोने की सबसे बड़ी खदान उज्बेकिस्तान के मुरुताऊ में है। 2015 में यहां से 61 टन सोना निकाला गया था। उम्मीद है कि केंद्र सरकार शीघ्र ही आभूषण उद्योग एवं स्वर्णकारों के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करते हुए सोने-चांदी के दामों को नियंत्रित करने के उपायों पर काम करेगी। इन दिनों आसमान छूती सोने-चांदी की कीमतों के चलते अपने बच्चों की शादी की तैयारियों में जुटे अभिभावकों में भय और असमंजस का माहौल व्याप्त है। सोने और चांदी की बढ़ती कीमतें मध्यमवर्गीय एवं निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए आर्थिक रूप से चिंता और संकट का सबब बनी हुई हैं और इस वजह से कईयों की सामाजिक प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। यदि आने वाले महीनों में इसी प्रकार सोने-चांदी के दामों में बढ़ोतरी होती रही तो निश्चित रूप से मध्यम एवं निम्न आय वर्ग वाले भारतीयों के लिए यह संकट का समय होगा।

अनुज आचार्य

लेखक बैजनाथ से हैं


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