इन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का ज्यादा खतरा, अमरीकी शोधकर्ताओं ने खोज निकाले टिश्यूज

लॉस एंजेल्स। अमरीका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ (एनआईएच) के शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में स्तन संयोजी ऊतक में ऐसे संरचनात्मक बदलावों की पहचान की है, जो बहुत तेजी के साथ स्तन कैंसर के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं। नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार स्तन ऊतक में पाए गए बदलाव, जिन्हें स्ट्रोमल डिसरप्शन कहा गया है, संभावित बायोमार्कर हो सकते हैं, जो महिलाओं में कैंसर होने से पहले ही उसके खतरे का संकेत दे सकते हैं। यह भी पाया गया कि जिन महिलाओं में यह बदलाव होता है, उनमें आक्रामक ब्रेस्ट कैंसर होने पर जीवित रहने की संभावना कम होती है।
इन महिआओं को ब्रेस्ट कैंसर का ज्यादा खतरा
शोधकर्ताओं ने मशीन लर्निंग की मदद से नौ हजार से अधिक स्तन ऊतक के नमूनों का विश्लेषण किया, जिनमें स्वस्थ, सौम्य और कैंसरग्रस्त ऊतक शामिल थे। उन्होंने पाया कि स्ट्रोमल डिसरप्शन उन महिलाओं में ज्यादा देखा गया, जिनमें आक्रामक स्तन कैंसर के जोखिम कारक मौजूद थे, जैसे मोटापा, अश्वेत नस्ल, कम उम्र, बार-बार प्रसव और पारिवारिक इतिहास।
सौम्य स्तन रोग
सौम्य स्तन रोग वाली महिलाओं में स्ट्रोमल डिसरप्शन होने पर कैंसर होने की संभावना अधिक और तेजी से बढऩे का खतरा रहता है। अध्ययन के अनुसार जिन स्तन कैंसर मरीजों में स्ट्रोमल डिसरप्शन अधिक था, उनमें आक्रामक कैंसर प्रकार और कम जीवित रहने की संभावना ज्यादा पाई गई। खासकर एस्ट्रोजन रिसेप्टर-पॉजिटिव मामलों में। यह जानकारी कैंसर की रोकथाम और इलाज की नई रणनीतियां बनाने में मदद कर सकती है, जो ऊतक के सूक्ष्म परिवेश को लक्षित करें। साथ ही स्ट्रोमल डिसरप्शन की जांच सस्ती है और कम संसाधनों वाले क्षेत्रों में भी आसानी से अपनाई जा सकती है, जहां महंगी मॉलिक्यूलर जांच संभव नहीं होती।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App or iOS App