हिमाचल में 4 दिन अलर्ट, नदी- नालों से हो जाएं दूर, इस बार जमकर बरसेंगे मेघ, तेज हवाएं बढ़ा सकती हैं मुश्किल
खास खबर में आज बात मौसम की- हिमाचल प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। पहाड़ों पर छाए घने बादल, तेज़ हवाएं और बारिश इस और ईशारा कर रह हैं कि प्रदेश में प्री मानसून दस्तक दे चुका है, और अगले 4 दिन हिमाचल में जमकर बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश के सात जिलों में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कई जगह पर फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड की चेतावनी भी दी गई है। प्रदेश में 18 से लेकर 21 जून तक मौसम खराब रहेगा। बारिश का असर आज भी कई ईलाकों में दिखा, जहां पर काफी नुकसान हुआ है। कई जगह नदी नाले उफान पर हैं तो कई जगह सड़कों पर जलभराव हो गया। मंडी में तो निर्माणाधीन पुल की सामग्री भी बह गई। मनाली के रोहतांग पास और बारलाचा पर बर्फबारी भी दर्ज की गई है। खराब मौसम के बीच आज दिन में ही लोगों के लिए एडवाइजरी जारी हो चुकी है कि वह सतलुज नदी से दूर रहें। क्योंकि सतलुज का जल- प्रवाह लगातार बढ़ रहा है, इसलिए नाथपा बांध से अतिरिक्त पानी सतलुज नदी में छोड़ा जा रहा है। ऐसे में नदी किनारे जाना सुरक्षित नहीं हैं और ये केवल सतलुज की बात नहीं है बाकी जगह भी यही स्थिती है।
आज हुई बारिश के कारण सुंदरनगर उपमण्डल के डैहर क्षेत्र में बरोटी-लैहड़ संपर्क मार्ग पर झनोड में नाले पर निर्माणाधीन पुल की निर्माण सामग्री और मशीनरी बह गई जिसमें लाखों का नुकसान हो गया है। गनीमत रही मजूदर या कोई अन्य व्यक्ति वहा मौजूद नहीं था वरना कोई बड़ी अनहोनि हो जाती। दूसरी ओर भारी बारिश के चलते उदयपुर के अंतर्गत जंगल कैंप में बाढ़ आ गई है। इस कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है और इससे संसारी-किलाड़-तांदी मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया। कई जगह सड़क पर मलबे और पत्थर का ढेर लग गया। वहीं हमीरपुर जिला में बहने वाले नाले और खड्डे भी उफान पर बहते हुए नजर आए। यहां गर्मी से तो जरूर लोगों को राहत मिली है लेकिन लगातार बारिश ने सड़कों पर कई जगह जलभराव की स्थिती पैदा कर दी।
हालांकि ये अभी सिर्फ शुरूआत हैं क्योंकि अगले 4 दिन की बात करें तो बारिश का येलों और ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 18 और 19 जून को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर के लिए येलो अलर्ट जारी है। जबकि 20 और 21 तारीख को किन्नौर और लाहुल स्पीति को छोड़ कर बाकी सभी जिलों में अलर्ट है। खासतौर पर मंडी और शिमला के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में भूस्खलन, पेड़ गिरने और बिजली बाधित होने की आशंका जताई जा रही है। यहीं नहीं कई जगह पर 40 से 50 किमी की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाएं मुशिकल को डबल कर सकती हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं की ये बारिश किसान बागवानों के लिए संजीवनी साबित होगी। मगर खराब मौसम के बीच हमें कुछ बातो का खास ख्याल रखना है जिसे लेकर मौसम विज्ञान केंद्र ने भी एडवाइजरी जारी है। हिमाचल में पर्यटन सीजन चरम पर है, लेकिन बारिश की वजह से सड़कें जाम और रास्ते बंद होने की संभावन है। येलो अलर्ट के बीच कई जगह पर लैंडस्लाइड, जलभराव और नदी नाले उफान पर आ सकेत हैं ऐसे में संवेदनशील जगह पर जाने से बचें। कहीं भी जाने से पहले एक बार ट्रैवल एडवाइजरी जरूर फोलों करें, जिन इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट है वहां पर अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम की जानकारी लेकर ही सफर पर निकलें।
यहां पर जो लोग बाहरी राज्यों से हिमाचल घूमने आ रहे हैं उनके लिए एक विशेष एडवाइजरी जारी है। कि वो नदी नालों के करीब न जाएं, बिते दिनो बी ये देखा गया है कि हिमाचल में कई लोगों की जान नदी- नालों में डूबने की वजह से हो गई है, और अभी तो प्री मानसून का दौर चल रहा है ऐसे में कब कहां पानी का स्तर बढ़ जाए कहा नहीं जा सकता इसलिए नदियों से उचित दूरी बनाकर रखने में ही भलाई है। वरना छोटी सी चूक भारी पड़ सकती है, इसी के साथ बात मानसून की करें तो कहा जा रहा है कि इसी महीने के आखिरी सप्ताह में मानसून हिमाचल पहुंच जाएगा। और इस बार यहां सामान्य से ज्यादा बारिश के भी आसार है । इसलिए पहले से ही प्रशासन भी काफी सतर्क नजर आ रहा है। बरसात से निपटने के लिए प्रशासन ने भी अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। कुल मिलाकर आप ये कह सकते हैं कि हिमाचल की वादियों में जहां एक ओर बारिश हरियाली का तोहफा लेकर आती है, वहीं तेज़ बारिश, ओले और आंधी‑तूफान का खतरा मुश्किल बढ़ा देता है ऐसे में प्रशासन सजग है, लेकिन ज़रूरत है आम जनता की सतर्कता की।
मौसम विभाग की चेतावनियों को नजरअंदाज़ न करें।