इन दिनों न करें नदी- नालों से दोस्ती
नदियों में बह गई कई ज़िंदगियां
आकर्षण बन सकता है मौ.त का कारण
छोटी सी लापरवाही जीवन पर भारी
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में इन दिनों मौसम सुहावना बना हुआ है। मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है। दूसरी ओर प्रकृति की गोद में सुकुन पाने के लिए कई लोग हिमाचल का रूख कर रहे हैं। यहां की वादियां, झरने और नदियां देश-दुनिया के सैलानियों को अपनी ओर खींचती हैं, लेकिन अब हिमाचल आने वाले पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी थोड़ा सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि हिमाचल का यहीं सौंदर्य अब जानलेवा साबित हो सकता है। हर साल दर्जनों परिवार सिर्फ एक पल की लापरवाही के कारण अपनों को खो बैठते हैं। कई घटनाओं में युवा दोस्त ग्रुप में पिकनिक मनाने जाते हैं, जहां उनमें से कोई बहाव में बह जाता है और पूरा माहौल मातम में बदल जाता है। हिमाचल में इन दिनों नदियां और नाले उफान पर आ जाते हैं और लापरवाही या अज्ञानता के कारण कई लोग इनकी चपेट में आकर जान गंवा देते हैं और न केवल मानसून में गर्मी के सीजन में भी ये देखा गया है। अक्सर गहराई के बारे में जानकारी न होने पर लोग पानी के भीतर चले जाते हैं और फिर कभी लौट कर नहीं आते- कुछ हादसे तो कुछ लापरवाही कई परिवारों को अब तक कभी न भरने वाले जख्म दे गई है।
हिमाचल में मई-जून के महीने में कई लोगों की मौत डूबने की वजह से हुई है, जिसमें कुछ लोग स्थानीय तो कुछ बाहर से आए सैलानी भी थे। पिछले हफ्ते की ही बात करे तो कांगड़ा के गाहलियां में बनेर खड्ड में नहाने गए दो युवकों की डूबने से मौत हो गई। दोनों जम्मू-कश्मीर के कठुआ के रहने वाले थे। कांगड़ा की ही जब्बर खड्ड में डूबने से एक युवती की जान चली गई, उससे पहले चंबा में मंगला के पास ओडरा खड्ड में नहाने उतरे 22 वर्षीय युवक की जान गई थी। यहीं नहीं कुछ समय पहले ही जोगिंद्रनगर की मछयालू खड्ड में नहाने उतरे व्यक्ति की भी मौत हो गई थी. उससे पहले कुल्लू और शिमला में भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं। बीती 9 जून को ही नेरवा के हामलटी क्षेत्र में एक डेढ़ साल की मासूम की मौत हो गई थी. उससे पहले शिमला के कोटखाई क्षेत्र के राज दरबार गांव में कपड़े धोने नदी के पास गई मां बेटी की डूबने की वजह से मौत हो गई थी….यही नहीं मई महीने का वो दिल दहलाने वाले हादसा तो आपको याद ही होगा जहां पर धीरा में न्यूग्ल खड में दादा व दो पोतों की डूबने की वजह से जान चली गई थी।
यकीनन ये हादसे चौंकाने वाले हैं बीते कुछ ही दिनों में न जाने कितने परिवार बिखर गए हैं। आपको ये जान कर हैरानी होगी कि पिछले साल आई एक रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में हर साल डूबने की वजह से लगभग 500 लोगों की मौत हो रही है। डूबने की अधिकांश घटनाएं गर्मियों में 34 प्रतिशत और मानसून में 31 प्रतिशत के करीब दर्ज की जा रही हैं, तो इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं.. कि इन दिनों पानी के पास जाना कितना खतरनाक हो सकता है न केवल ब्यास, सतलुज, रावी जैसी नदियां मानसून में उग्र रूप लेती हैं। बल्कि हिमाचल में बहने वाले नाले खड्डें और यहां तक कि झरनों के नीचे भी आप इन दिनों सुरक्षित नहीं हैं।