सुखबीर सिंह बादल को तनखइया घोषित करना तख्त पटना साहिब के अधिकार से परे: धामी

By: Jul 5th, 2025 3:49 pm

अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पंज प्यारे साहिबानों की ओर से शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को तनखइया (धार्मिक सजा) घोषित करने के फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे पंथ में भ्रम पैदा करने वाली और अधिकारों से बाहर की कार्रवाई करार दिया है।

एडवोकेट धामी ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा कि खालसा पंथ की परंपरायें और रीति-रिवाज राष्ट्र के मुद्दों को हल करने के लिए हैं, न कि राष्ट्रीय संकट पैदा करने के लिए। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को नजरअंदाज करना उचित नहीं है, और ऐसी कार्रवाई से राष्ट्र के भीतर आत्मग्लानि का माहौल पैदा होगा। उन्होंने कहा कि हालांकि तख्त श्री पटना साहिब का सिख जगत में बहुत सम्मान है, लेकिन पंथिक मामलों पर विचार करने का अधिकार केवल श्री अकाल तख्त साहिब को है।

एडवोकेट धामी ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के नेतृत्व में पांच सिंह साहिबों द्वारा एक साथ बैठकर किसी भी पंथिक मामले पर फैसला लेने की लंबी ऐतिहासिक परंपरा रही है। यह परंपरा दुनिया में सिख समुदाय को ऊंचा उठाती है। उन्होंने कहा कि अगर श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को अन्य तख्त साहिबों से चुनौती मिलने लगे तो इसे सिख परंपराओं की मौलिकता और समृद्धि के अपमान से कम नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा, “ मौजूदा मुद्दे को लेकर हमें मिलजुल कर बैठना चाहिए और समाधान की ओर बढ़ना चाहिए, ताकि राष्ट्र के अंदर दिखायी दे रहे संघर्ष की बजाय सिख शक्ति का प्रयोग राष्ट्रीय हितों, राष्ट्र की उन्नति और सिख प्रचार के लिए किया जा सके। ”


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