500 से ज्यादा पेड़ बने खतरा, नगर निगम की ट्री कमेटी ने सरकार को भेजा दूसरी बार प्रस्ताव

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
शिमला शहर में मानूसन की मूसलाधार बारिश से सबसे ज्यादा खतरा पेड़ों से हैं। शिमला शहर में अभी तक करबी 500 पेड़ घरों को खतरा बन गए हैं। हालांकि करीब 200 पेड़ों की लॉपिंग, काटने और गिरे पेड़ों को हटाने की रिपोर्ट नगर निगम की ट्री कमेटी ने प्रदेश सरकार को भेजी है। वहीं पिछले दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण कुछेक पेड़ गिरने वाले हैं। ऐसे में ट्री कमेटी ने दूसरी बार प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इसमें ट्री कमेटी ने प्रदेश सरकार से उन पेड़ों का जिक्र किया है जो गिरने की कगार में है और लोगों को खतरा बना हुआ है। इसको लेकर नगर निगम ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि इन्हें तुरंत काटने के आदेश जारी कर दें। वहीं पेड़ों की लॉपिंग करना भी अनिवार्य है।
शहर के कई क्षेत्रों में पेड़ों की टहनियां घरों के अंदर घुस गई हैं और घरों की छतों को नुकसान पहुंचा रही हैं। इसके अलावा शहर में स्ट्रीट लाइट्स भी इससे खराब हो रही हैं। ऐसे में बरसात की इस मौसम में ज्यादा खतरा न हो इसके लिए नगर निगम प्रदेश सरकार से आग्रह कर रही है। फिलहाल प्रदेश सरकार की ट्री कमेटी भी इन पेड़ों का सर्वेक्षण करेगी और सभी रिपोर्ट को बारीकि से देखेगी उसके बाद ही तय होगा कि पेड़ काटने हैं या लॉपिंग करनी है। हैरत इस बात की है कि शहर में लैंड स्लाइड हो रहे हैं और खतरा बने पेड़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है बावजूद इसके भी पेड़ों की लॉपिंग तक को प्रदेश सरकार की ओर से अनुमति नहीं मिल रही है। वहीं नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि इसको लेकर वह स्वयं मुख्यमंत्री से मिलेंगे और अनुमति लेंगे ताकि शहरवासियों को खतरे के साय में न रहना पड़े।
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