मुस्लिम समुदाय ने याद की हजरत ईमाम हुसैन की शहादत

नाहन में रियासतकाल से शिया की परंपरा मुहर्रम को निभाता आ रहा सुन्नी समुदाय
कार्यालय संवाददाता-नाहन
जिला मुख्यालय नाहन में मुस्लिम समुदाय ने रविवार को हजरत ईमाम हुसैन व कर्बला के 72 शहीदों को याद करते हुए मुहर्रम के तहत ताजिए निकालकर जालिमों से दूर रहने की प्रेरणा ली। मुहर्रम के अवसर पर हजरत ईमाम हुसैन व कर्बला के शहीदों की शहादत को याद किया गया। इस अवसर पर अंजुमन इस्लामिया द्वारा रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नसीम मोहम्मद दीदान ने बताया कि रियासतकालीन दौर से नाहन में मुस्लिम समुदाय द्वारा मुहर्रम का उत्सव हजरत ईमाम हुसैन की कुर्बानी को याद कर ताजिए निकालकर मनाया जाता है। इस दौरान गुन्नूघाट मस्जिद से मजलिस अथवा ताजिए के सफर को शुरू किया गया, जिसमें सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। मजलिस का दूसरा ताजिया हरिपुर मोहल्ला में सफर के लिए साथ हुआ। जिसके बाद रानीताल व चौथा ताजिया कच्चा टैंक से सफर में साथ हुआ। मुहर्रम के अवसर पर नाहन शहर में चार ताजिए निकाले गए। इस दौरान स्थान-स्थान पर समुदाय द्वारा जल-पान के लिए स्टॉल लगाकर ताजिए निकाल रहे लोगों को जल-पान करवाया गया।
मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने का नाम है। उन्होंने बताया कि नाहन शहर रियासतकालीन दौर से ही हिंदू-मुस्लिम आपसी भाईचारे के तहत मिल-जुलकर मुहर्रम जैसा उत्सव भी मनाता है। वहीं नाहन शहर में सैकड़ों वर्षों से शिया मुस्लिम परंपरा को सुन्नी समुदाय निभाता आ रहा है। उन्होंने बताया कि यह अनूठी पहल हिंदूस्तान में नाहन में देखी जाती है जहां पर सांप्रदायिक सदभावना की सुदृढ़ता व आपसी मित्रता व शांति का पैगाम देती है। उन्होंने बताया कि हालांकि मुहर्रम मुस्लिम समुदाय के लिए मातम का महीना माना जाता है। लिहाजा किसी भी प्रकार का उत्सव मुहर्रम पर नहीं मनाया जाता है। किसी भी प्रकार के चमक-धमक व मिष्ठान का प्रयोग नहीं किया जाता है। मुहर्रम में हजरत मोहम्मद की कुर्बानी की याद में मुस्लिम समुदाय द्वारा शोज, सलाम, मरसिए, हदीसे व उस दौरान अजीदी फौज ने क्या-क्या जुल्म किए थे को पढक़र दोहराया गया। वहीं समुदाय के लोगों ने नाहन में प्रात:काल ही कब्रिस्तानों में पहुंचकर अपने-अपने पूर्वजों की मगरफिरत के लिए दुआएं मांगी। कब्रिस्तान में इस दौरान साफ-सफाई का अभियान भी चलाया गया। मुहर्रम का जुलूस सूर्यास्त के दौरान जामा मस्जिद कच्चा टैंक के पास ताजिए का जुलूस संपन्न हुआ।
40 यूनिट ब्लड एकत्रित किया
मुहर्रम के मौके पर अंजुमन इस्लामिया द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष बॉबी अहमद ने बताया कि रक्तदान शिविर में युवाओं ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। वहीं इस दौरान 40 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया। उन्होंने बताया कि रक्तदान शिविर का शुभारंभ नाहन के विधायक अजय सोलंकी ने किया। वहीं समापन पर डीएसपी हेडक्वार्टर नाहन रमाकांत ठाकुर ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की। डीएसपी ने रक्तदाता युवाओं को अवार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित किया। वहीं युवाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा भी दी।
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