चार फोरलेन की डेडलाइन तय कर गए नड्डा, प्रदेश में 5400 करोड़ से 28 नई सुरंगों का होगा निर्माण

केंद्रीय मंत्री ने बिलासपुर में की एनएचएआई कार्यों की समीक्षा
बोले, 2028 तक कनेक्टिविटी के मामले में बदल जाएगी सूरत
प्रदेश में 5400 करोड़ से 28 नई सुरंगों का होगा निर्माण
राज्य ब्यूरो प्रमुख— बिलासपुर
हिमाचल दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा चार फोरलेन परियोजनाओं की डेडलाइन तय कर गए हैं। बिलासपुर में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ जेपी नड्डा ने बैठक की और हर प्रोजेक्ट की डेडलाइन फाइनल की। उन्होंने एनएचएआई को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अब इस टाइमलाइन का पालन हो। काम की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। इस बैठक के बाद जेपी नड्डा ने मीडिया के साथ बातचीत में इन लक्ष्यों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में चार फोरलेन के अलावा 25 नेशनल हाईवे का काम चल रहा है, जिनकी कुल लंबाई 2592 किलोमीटर है। इसमें से 785 किलोमीटर रोड एनएचएआईए 1238 किलोमीटर सडक़ एवं हाईवे मंत्रालय और 569 किलोमीटर बीआरओ द्वारा बनाए जा रहे हैं। बैठक में प्रदेश की जिन प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की गई उनमें परवाणू-सोलन-कैथलीघाट-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-5) प्रमुख है, जिसकी कुल लंबाई 104.17 किलोमीटर है और इसमें 12 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है।
इस परियोजना को वर्ष 2025 के अंत तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी प्रकार कीरतपुर से नेरचौक, मंडी, कुल्लू होते हुए मनाली तक जाने वाले एनएच-3 की कुल लंबाई 237.2 किलोमीटर है, जिसमें 28 सुरंगें प्रस्तावित हैं। इस मार्ग पर निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में प्रगति पर है। वर्ष 2023 और 2024 की बाढ़ के कारण कुछ हिस्सों में क्षति हुई थी, जिसकी मरम्मत जारी है। इस परियोजना की पूर्णतया वर्ष 2025-26 तक संभावित है। शिमला-बिलासपुर-हमीरपुर-मटौर मार्ग एनएच 205, 103, 303, 503 की कुल लंबाई 223.7 किलोमीटर है, जिसमें 15 सुरंगें 2026 तक बनकर तैयार होंगी। पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 32 किलोमीटर है, जिसका अधिकांश निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। वर्तमान में प्रदेश में 25 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का कार्य जारी है, जिनकी कुल लंबाई 2,592 किलोमीटर है। इनमें से 627 किलोमीटर की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। बैठक में ब्यास में ड्रेजिंग कार्य शीघ्र आरंभ करने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई ताकि फोरलेन सडक़ को क्षति से बचाया जा सके। उन्होंने मुख्ंयमंत्री सुक्खू से इस व्यवस्था में आवश्यक छूट दिलवाने की बात कही। अब तक प्रदेश में 21 सुरंगों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जिन पर लगभग 2,600 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं। 19 सुरंगों का निर्माण कार्य जारी है, जिनकी लागत 3,200 करोड़ है। भविष्य में 28 नई सुरंगों के निर्माण का प्रस्ताव है उन्होंने निर्देश दिए कि सभी परियोजनाएं वर्ष 2028 से पूर्व पूर्ण की जाएं। एनएचएआई के टेक्निकल मेंबर आलोक दीपंकर, एडिशनल डायरेक्टर जनरल सुदीप चौधरी, उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा विधायक रणधीर शर्मा, विधायक त्रिलोक जम्वाल सहित सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
फोरेस्ट क्लियरेंस न मिलने से लटका काम
समदो-काजा सडक़ परियोजना राज्य सरकार से वन स्वीकृति न मिलने के कारण रुकी हुई है, जिसे शीघ्र मंजूरी दी जानी चाहिए। घुमारवीं शाहतलाई रोड को 35 करोड़ आबंटित किए हैं और 2026 तक यह सडक़ अपग्रेड कर दी जाएगी।
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