चंडीगढ़ में पंजाबी को प्रशासनिक भाषा का दर्जा दिलाने के लिए सडक़ों पर उतरे लोग

दिव्य हिमाचल ब्यूरो- चंडीगढ़
चंडीगढ़ में पंजाबी को पहली और प्रशासनिक भाषा का दर्जा दिलाने के लिए चल रहे संघर्ष के तहत आज मातृभाषा दिवस पर विरोध मार्च निकाला गया। मंच के अध्यक्ष सुखजीत सिंह सुखा, महासचिव कामरेड देवी दयाल शर्मा, सचिव गुरप्रीत सिंह सोमल के नेतृत्व में सेक्टर-34 स्थित गुरुद्वारा साहिब से निकाला गया विरोध मार्च विभिन्न इलाकों से होते हुए सेक्टर-7 स्थित गुरुद्वारा साहिब में समाप्त हुआ। रास्ते में 20 पंजाबी समर्थक इस विरोध मार्च में शामिल हुए। इस मार्च में बहलाना, सारंगपुर, धनास, मिल्क कॉलोनी, बुटेरला, रायपुर कलां गांवों से बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं।
विरोध मार्च में शामिल पंजाबी समर्थकों ने काले झंडे दिखाकर चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध जताया और पंजाबी को पहली और प्रशासनिक भाषा का दर्जा देने की मांग की। चंडीगढ़ समूह गुरुद्वारा संगठन के अध्यक्ष तारा सिंह, ग्रामीण संघर्ष कमेटी चंडीगढ़ के संरक्षक बाबा साधु सिंह सारंगपुर, बाबा गुरदयाल सिंह खुड्डा अलीशेर, निगम पार्षद हरदीप सिंह बुटेरला, पार्षद सतिंदरपाल सिंह सिद्धू, पार्षद दमनप्रीत सिंह बादल, जीत सिंह बहलाना, विश्व पंजाबी प्रचार सभा से प्रधान बहादुर सिंह गोसल, पंजाबी लेखक सभा के अध्यक्ष दीपक शर्मा चनारथल, बलकार सिंह सिद्धू, तर्कशील सोसायटी से जोगा सिंह, पंजाब यूथ के अध्यक्ष परमदीप सिंह बैधवान, किसान भाई नेता जसवंत पूनिया, किसान नेता किरपाल सिंह, कामरेड प्रलाद सिंह आदि ने मांग की कि पंजाबी भाषा को चंडीगढ़ में प्रथम एवं प्रशासनिक भाषा का दर्जा दिया जाए।
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