रिटायर कर्मियों की बकाया राशि देने के प्रयास सफल हुए या नहीं

विधि संवाददाता — शिमला
प्रदेश हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी को ताजा स्थिति रिपोर्ट के माध्यम से यह स्पष्ट करने को कहा है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए अपने प्रयास में पूरी तरह से सफल हुए हैं या नहीं। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया व न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि निगम को अपनी लाभप्रदता को और बढ़ाने के लिए सभी क्षेत्रों में जहां भी रसोई है, वहां आउटडोर खानपान सेवाएं क्यों नहीं प्रदान करनी चाहिएं।
कोर्ट ने आदेश दिए कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों और व्यक्तियों को सभी बकाया देय राशि भी दी जाए, ताकि निगम की बैलेंस शीट को और मजबूत करने के लिए भुगतान भी सुनिश्चित किया जा सके। कोर्ट ने आदेश दिए कि हलफनामे में यह भी दर्शाया जाए कि वेतनमान और अन्य लाभों के रूप में सेवा लाभ देने के लिए सेवानिवृत्त लोगों को पहले कितनी राशि वितरित की गई थी, जैसा कि हलफनामे में उल्लेख किया गया था कि पिछले दो वर्षों से सेवानिवृत्त लोगों को 37.69 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
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