भानुपल्ली-लेह रेल के हवाई सर्वे हवा-हवाई

By: Mar 3rd, 2021 12:01 am

अनिल पटियाल — बिलासपुर

भानुपल्ली-लेह रेललाइन के लिए रेलवे की ओर से किए गए हवाई सर्वे अब हवा-हवाई ही रह गए हैं। केंद्रीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल की ओर से लेह तक रेल पहुंचाने को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी गई है कि दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र होने के चलते रेललाइन का निर्माण करना बेहद मुश्किल है। इस लिहाज से अब रेलवे भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेललाइन पर ही फोकस करेगा। भानुपल्ली-लेह रेललाइन के सर्वे के लिए अभी हाल ही में तुर्की के विशेषज्ञ हवाई सर्वे भी कर चुके हैं। यही नहीं, लेह सर्वे के तहत हिमाचल के पहाड़ों की स्ट्रेंथ भी माप चुके हैं और अंडरग्राउंड टनल बनाने तक की भी चर्चाएं हो चुकी हैं, लेकिन रेल मंत्री के बयान के बाद तमाम अटकलों पर विराम लग गया है कि अब लेह तक रेललाइन पहुंचाना आसान नहीं होगा। जाहिर है कि अब बैरी तक ही रेललाइन बनेगी। जानकारी के अनुसार रेलवे की ओर से भानुपल्ली-लेह रेललाइन के लिए 6753 करोड़ की परियोजना तैयार की गई।

 अब परियोजना पर करीब 875 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। रेललाइन का अभी तक करीब आठ फीसदी कार्य ही पूरा हुआ है। बताया जा रहा है कि भानुपल्ली-लेह रेललाइन के लिए रेलवे की ओर से परियोजना तैयार की गई थी, जिसमें सुरंगों के अलावा पुलों के निर्माण को लेकर भी सर्वे किया जा रहा था। अभी 20 फीसदी पहाड़ों का सर्वे होना भी शेष था। तुर्की के विशेषज्ञ 80 फीसदी प्रदेश के पहाड़ों की स्ट्रेंथ माप चुके हैं। वहीं, इस परियोजना के तहत 77 सुरंगों व 110 पुलों के निर्माण पर चर्चा चल रही थी। यह रेललाइन करीब 465 किलोमीटर की बताई जा रही है। इस रेललाइन परियोजना के तहत रेललाइन के ट्रैक पर 31 यात्री स्टेशन और पांच ऑपरेशनल स्टेशन बनाने की चर्चा थी। तुर्की के विशेषज्ञों ने जब सर्वे किया था, तो यह रेल ट्रैक दस किलोमीटर कम भी किया गया। पहले यह रेल ट्रैक 475 किलोमीटर का था, लेकिन तुर्की के विशेषों द्वारा किए गए सर्वे के तहत दस किलोमीटर कम हो गया, लेकिन अब लेह रेललाइन सर्वे मात्र सर्वे तक ही सिमट कर रह गया है, जिसके चलते अब इस रेल लाइन की संभावना शून्य ही आंकी जा रही है। (एचडीएम)


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