डा. अश्विनी महाजन, कालेज एसोशिएट प्रोफेसर

हर घर में शौचालय बनने से खुले में शौच जैसे अभिशाप से मुक्ति हुई है, जिसके चित्र दिखाकर भारत को पिछड़ा दिखाने का प्रयास विदेशी अक्सर किया करते थे। महिलाएं आज सम्मान से जी रही हैं...

संयुक्त राज्य अमरीका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने सितंबर 2023 में फेडरल फंड ब्याज दर को 5.25 से 5.50 की सीमा में रखा है। इससे पहले 11 बार से फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को लगातार बढ़ाया था, और आज की ब्याज दर पिछले 22 वर्षों की अधिकतम दर पर है। हालांकि यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने भी अक्टूबर 2023 के लिए बीज ब्याज दर को पूर्ववत 4 प्रतिशत ही रखने का निर्णय किया है, लेकिन यह ब्याज दर पिछली 10 बार से लगातार बढ़ते हुए इस स्तर पर पहुंची थी। गौरतलब है कि अमरीका और यूरोप में इतनी ऊंची ब्याज दरें हाल ही के वर्षों में कभी देखी नहीं गई। इन बढ़ती

बढ़ते कर्ज न केवल राजकोषीय असंतुलन पैदा कर रहे हैं, बल्कि कल्याणकारी योजनाएं चलाने की क्षमता को भी प्रभावित कर रहे हैं... नवंबर 7 से शुरू होकर 30 नवंबर 2023 तक देश के पांच महत्वपूर्ण राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव हमारे लोकतंत्र के उत्सव के रूप में जाने जाते हैं। आजादी के बाद चुनावों की सतत प्रक्रिया के चलते भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रीय देश के रूप में उभरा है। यह समय है राजनीतिक दलों द्वारा अपने-अपने चुनाव घोषणापत्रों के माध्यम से मतदाताओं को अपने दलों की नीतियों और प्रस्तावित कार्यक्रमों से अवगत करवाने का। इतिहास में सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को अपने वादों से लुभाने का प्रयत्न करते ही रहे हैं, लेकिन पिछले लगभग डेढ़ दशक में चुनावी वादों का प्रकार

अफ्रीकी देश, श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित दक्षिण एशिया के कई देश कर्ज की कमजोरी से पीडि़त हैं। इस संकट से निपटने की जरूरत है...

स्पष्ट है कि यह एजेंसी लगातार गलत आंकड़े और गलत मैथडोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए, वास्तविकता से कहीं दूर भारत को बदनाम करने की कोशिश करती है...

इन युवाओं के पासपोर्ट तक एजेंटों के द्वारा कब्जा लिए जाते थे और उनका तरह-तरह से शोषण भी किया जाता था। उन्हें अत्यंत अमानवीय परिस्थितियों में रहना पड़ता था, ऐसे में भारत सरकार द्वारा विविध प्रकार के प्रयासों से समझाने की कोशिश की गई और सरकार ने एजेंटों के पंजीकरण को अनिवार्य किया और विदेशों में जाने वाले भारतीयों के हित संरक्षण के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास भी किए...

गौरतलब है कि 12 साल पहले अगस्त 5, 2011 को स्टैण्डर्ड एंड पुअर्स नाम की रेटिंग एजेंसी ने अमरीका की रेटिंग को इसी प्रकार घटाया था। यह पहली बार हुआ था कि अमरीकी फेडरल सरकार को एएए से नीचे की रेटिंग दी गई थी। उस समय अमरीकी कांग्रेस द्वारा कर्ज की सीमा को बढ़ाने के चार दिन के बाद ही रेटिंग में यह गिरावट आई थी। हालांकि फिच एवं मुडीज नाम की रेटिंग एजेंसियों ने उस समय अपनी रेटिंग नहीं गिराई थी। 2011 के बाद अमरीकी सरकार की रेटिंग एएए बनी रही..

जी-20 सम्मेलन के दिल्ली घोषणापत्र में जलवायु और सतत वित्त पर काम करने का आह्वान किया गया है, ताकि इसके माध्यम से सबसे बड़ी समस्या से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके...

माना जा सकता है कि आने वाले समय में भारत कम लागत की वजह से विश्व के अंतरिक्ष बाजार में अपनी बड़ी उपस्थिति दर्ज करने में सफल होगा...

पिछले कुछ समय से ब्रिक्स में देशीय करंसियों में अंतरराष्ट्रीय भुगतान के बारे में वार्ताएं चल रही हैं...