भानु धमीजा

भारतीय न्यायपालिका ने अत्यधिक मामलों में न्याय न देकर, लटकाकर, या आधा-अधूरा काम कर अन्याय किया है। इसके प्रदर्शन के कुछ मापदंडों पर विचार करें। भारतीय अदालतों में दो करोड़ बीस लाख से अधिक केस लंबित हैं। जिनमें से 60 लाख पांच वर्ष से ज्यादा समय से लटके हैं।

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं किसी देश के संविधान का प्राथमिक उद्देश्य एक उत्तरदायी सरकार की स्थापना है। ऐसा अकसर शासन की स्वतंत्र संस्थाओं की स्थापना कर, उन्हें सु-परिभाषित जिम्मेदारियां सौंप, विशिष्ट शक्तियां देकर, और उन्हें जनता के प्रति जवाबदेह बनाकर किया जाता

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं मूल ढांचा सिद्धांत पर आम सहमति नहीं है। डा. सुभाष कश्यप लिखते हैं कि ‘‘संविधान की सभी विशेषताओं को निर्धारित करने वाला ऐसा कोई बहुमत का निर्णय उपलब्ध नहीं है, जिसे आधारभूत माना जा सके।’’ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ यहां

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं अगर पटेल की योजना अस्वीकार न की गई होती, तो आज भारत अमरीका के समान एक संघ होता और राजनीतिक व्यवस्था भी वैसी ही होती। हमारी राज्य सरकारें केंद्रीय नियंत्रण पर कम निर्भर होतीं, और जनता द्वारा निर्वाचित

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं संविधान के कार्यचालन की समीक्षा को गठित राष्ट्रीय आयोग द्वारा किया गया अंतिम पुनर्मूल्यांकन शुरुआत से ही राजनीति का शिकार हो गया था। आयोग ने कटु समीक्षाएं और दूरगामी सिफारिशें प्रस्तुत कीं, परंतु इसकी रिपोर्ट दफन कर दी

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं विश्व गुरु बनने से सभी भारतीय गौरवान्वित होंगे। हम सभी उन दिनों के वैभव को तरसते हैं जब हमारे लोग विचार के शिखर पर जा पहुंचे थे, दिव्यता की महान समझ प्राप्त की थी, और जीवनयापन के उत्कृष्ट

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं भाजपा की सफलता उन कारकों की ओर संकेत करती है जो भारत में नए विपक्ष के उभरने को आवश्यक हैं। नए विपक्ष की एक मध्यमार्गी विचारधारा होनी चाहिए जो अधिकांश लोगों को पसंद आए। इसका संगठन नेताओं के

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं हम अभी देख रहे हैं कि कैसे राष्ट्रपति ट्रंप की शरारतें राष्ट्रपति प्रणाली में सिरे नहीं चढ़ पा रही हैं। मोदी हमारे पहले ‘प्रेजिडेंशियल’ प्रधानमंत्री नहीं हैं। हमारी स्वतंत्रता से ही प्रधानमंत्रियों को देश के ‘शासकों’ के तौर

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं वर्तमान में ‘फर्स्ट-पास्ट-दि-पोस्ट’ (एफपीटीपी) (first-past-the-post) प्रणाली के तहत जनप्रतिनिधियों का निर्वाचन प्रत्येक उम्मीदवार द्वारा प्राप्त वोटों के आधार पर होता है। इसमें पार्टी जो भी हो, अन्य प्रत्याशियों से अधिक वोट पाने वाला विजयी घोषित होता है। अगर