भानु धमीजा

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं हमारी ‘विविधता में एकता’ बनाए रखने के लिए भारत को धार्मिक समानता भी कायम करनी होगी। मैंने हाल ही में लिखा है कि हमें धर्मनिरपेक्षता की एक नई परिभाषा की सख्त आवश्यकता है। जो धार्मिक स्वतंत्रता, कानून के

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं जहां तक राज्यसभा की भूमिका में बदलावों की बात है, इसे सरकार पर विशिष्ट निरीक्षण का अधिकार देकर, सामान्य उत्तरदायित्व लोकसभा के लिए छोड़ देना चाहिए। उदाहरणार्थ, अमरीकी सेनेट की भांति, भारत की राज्यसभा सभी विदेशी संधियों, प्रमुख

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं भारतीय धर्म निरपेक्षता असफल रही है क्योंकि यह सरकारों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करने का अधिकार तो देती है, परंतु धर्मों से समान व्यवहार करने को मजबूर नहीं करती। इस संबंध में सबसे बड़ी असफलता तो गणतंत्र के

भानु धमीजा पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ के सीएमडी भानु धमीजा द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ पर पंचनद शोध संस्थान ने एक सेमिनार का आयोजन किया। इस दौरान एक अति संवादमूलक सत्र में बुद्धिजीवियों ने भारत की मौजूदा शासन प्रणाली के विभिन्न पहलुओं पर मंथन किया और

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं विकास से भी बढ़कर यह बेहतर शासन देने का उनका वचन था जो उन्हें सत्ता में लाया। आज भी भाजपा ‘‘बेहतर शासन’’ को ‘‘मोदी मंत्र’’ कहकर प्रचार करती है। और यह सही भी है क्योंकि धरातल पर शासन

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं केवल सहिष्णुता से ही लोकतांत्रिक सरकार नहीं चलती। इसके लिए कई अन्य स्थितियां भी आवश्यक हैं। भारत के बहुमत शासन ने देश को अनगिनत तरीकों से विफल किया है। इसने सांप्रदायिक तनावों को और बिगाड़ा जिससे देश का

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं मोदी के राष्ट्रपति बनने से हमारे देश के शासन को बड़े लाभ होंगे। लगातार राजनीति करने के बजाय वह अपना सारा ध्यान नीतियां लागू करने पर लगा पाएंगे। वह राष्ट्रपति पद की संरचना के अनुसार हमेशा अपनी पार्टी

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं इसके अतिरिक्त, वास्तविक  नियंत्रण एवं संतुलन केवल तभी संभव हैं जब शक्तियां सरकार के विभिन्न केंद्रों में बांट दी जाएं। शक्ति का एकल केंद्र होने से असली नियंत्रण बेमतलब हो जाते हैं। भारत में निर्णयों पर सवाल उठाने

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं भारत किसी भी प्रतिनिधि को राष्ट्रव्यापी रूप से नहीं चुनता, फिर चुनाव आयोग एक सेंट्रल निकाय क्यों हो? हर राज्य के चुनाव आयोग को प्रत्येक पार्टी के स्थानीय खंडों को नियंत्रित करने की शक्ति देनी चाहिए। यह कदम