अपनी माटी

हिमाचल के पच्छाद और धर्मशाला में हो रहे उपचुनावों पर हजारों किसानों की पैनी नजर है। पिछली बार अपनी माटी टीम ने पच्छाद का दौरा कर हरड़ उगा रहे किसानों का दर्द बयां किया था। इस बार हमने धर्मशाला हलके में किसानों का दर्द बांटने की कोशिश की है। धर्मशाला हलके में कुल 88 बूथ

हिमाचल में किसानों को अकसर यह शिकायत रहती है कि मंडियों में उन्हें रेट नहीं मिलता। या फिर मंडी दूर होने से टाइम बर्बाद हो जाता है। तो अपनी माटी में हाजिर है वह समाचार,जो किसी न किसी तरह प्रदेश के 10 लाख किसानों से जुड़ा हुआ है। इसके लिए किसानों को राष्ट्रीय कृषि बाजार

हिमाचल में धर्मशाला और पच्छाद विधानसभा हलकों के लिए उपचुनाव हो रहा है। दोनों ही विधानसभा क्षेत्र किसान बहुल हैं । खासकर पच्छाद के तो 113 बूथों में 110 ग्रामीण हैं। पच्छाद हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डा वाईएस परमार का गृहक्षेत्र भी है। डा. परमार ने अस्सी के दशक में देहात की समस्याओं को भांपते

आपने अकसर लोगों को हरड़-बेहड़ा और आंवला की खूबियां गिनाते सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है ये औषधीय पेड़-पौधे व फसलें धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं।  हम आपके लिए यह खास खबर लाए हैं, जिसमें दिव्य हिमाचल बताएगा कि कैसे किन- किन  पौधों को सहेजने के लिए मुहिम छिड़ गई है, तो इनमें

फल सब्जी उगाकर हिमाचल की इकोनॉमी को चलाने वाले लाखों किसानों के लिए लंबे समय बाद उम्मीदों भरी खबर है। हिमाचल मार्केटिंग बोर्ड 35 करोड़ की लागत से जल्द दो नई सब्जी मंडियां खोलने वाला है,जबकि 14 अन्य मंडियों को अपग्रेड करने की योजना पर तेजी से काम होने वाला है। इनमें शिमला जिला के

विधानसभा का मानसून सत्र भले ही विधायकों के बढ़े हुए यात्रा भत्ते के लिए चर्चित रहा हो, लेकिन किसान भाइयों के लिए भी इसमें काफी कुछ जानने योग्य रहा। ये वे सूचनाएं हैं, जो यात्रा भत्ते के बवाल में दब गईं।  विधानसभा में सबसे बड़ी जानकारी यह मिली है कि हिमाचल सरकार के पास यह

मौजूदा समय में पांच सौ हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में  मैरीगोल्ड की खेती की जा रही है। वहीं ग्लैड  सौ हैक्टेयर में महक रहा है।  सिरमौर के बाद कांगड़ा, सोलन, बिलासपुर और चंबा में भी लोग फूलों की खेती को अपना रहे हैं… कभी हिमाचल में घरों की सजावट तक सीमित फूल आज कमाई का

बेलगाम बरसात ने सेब सीजन पर सबसे तगड़ा प्रहार किया है। अपनी माटी के लिए शिमला से हमारे सहयोगी शकील कुरैशी और ठियोग से रोहित सेम्टा  ने अपर शिमला के हालात जाने। पता चला कि ठियोग, रोहड़ू और रामपुर में सैकड़ों छोटी बड़ी सड़कें बंद पड़ी हैं। इससे बागबान सेब को मंडियों तक पहुंचाने में

कइयों को 4 हजार, तो कइयों को अंडा लोकसभा चुनावों से पहले पिछली मोदी सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना लागू की थी। इस योजना के तहत एक बिस्वा से लेकर सैकड़ों बिस्वा के मालिक किसान को साल में 6 हजार रुपए दिए जाने हैं। चुनावों से पहले मोदी सरकार ने दिन-रात एक करके ज्यादातर किसानों