अपनी माटी

लगतार बर्फ और आड़ू पर भी मंडराया संकट हमारी टीम ने पाया कि मौसम के बिगड़े तेवरों का हालांकि ज्यादा असर पहाड़ी एरिया में होने की आशंका है, लेकिन मैदान भी इससे अछूते नहीं रहेंगे। प्रदेश के शिमला, सिरमौर, सोलन समेत निचले इलाकों में स्टोन फ्रूट का बड़ा बिजनेस रहता है बर्फ और बारिश की

कृषि वैज्ञानकों की मानें तो पोमोटो की खेती अमरीका और यूरोप के कुछ देशों में व्‍यापक स्‍तर पर होती है यह सबसे आसान है। इसे गमले में भी उगाया जा सकता है आलू और टमाटर का गहरा रिश्ता है। दोनों एक ही प्रजाति की सब्जियां हैं। इन दोनों सब्जियों की दोस्ती को और गहरा कर

हिमाचल के पहाड़ी इलाके इन दिनों सुनहरे लाल व गुलाबी रंग के बुरांस के फूलों से गुलजार हो उठे हैं। बुरांस के फूल चार से सात हजार फुट  की ऊंचाई के वनों में फरवरी से अप्रैल मई तक खिलते हैं। बुरांस एक ऐसा वन पुष्प है, जो अपनी लाल, गुलाबी सुंदरता से हर दार्शनिक को

हिमाचल में प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना की पहली किस्त के लिए भरे जा रहे आवदेन ऐसे करें अप्लाई किसान सम्मान निधि योजना के लिए हर पटवारखाने को 100-100 फार्म मुहैया करवाए गए हैं। इसके अलावा फार्म दुकानों में भी उपलब्ध हैं। किसानों को फार्म भरकर अपने पटवारखाने में वेरिफाई करवाना है। उसके बाद पटवारी उसे

पिछले साल केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने लगाई थी बीज पर रोक,हरकत में आए सीपीआरआई ने शुरू की मिट्टी की ट्रीटमेंट किसानों को  करना होगा इंतजार हिमाचली आलू के बीज में आए वायरस को खत्म करने में 6 साल का वक्त लगेगा। तब तक किसानों को हिमाचली आलू के बीज का इंतजार करना पड़ेगा। पिछले साल

नौणी यूनिवर्सिटी ने तैयार किया गिरिगंगा नाम से सबसे जानदार बीज, पहले हिमतगिरि ने मचाई थी धमाल अदरक में अधिक पैदावार, तेल की ज्यादा मात्रा व कम सड़न रोग विशेषता वाली किस्म जल्द ही देश के किसानों को मिलने वाली है। डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन ने पांच साल की

आड़ू प्लम के पौधों की ट्रांसप्लांट का सही वक्त प्रूनिंग नहीं की तो उसे भी कर लें   हिमाचल में हुई धांसू बर्फबारी ने भले ही लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हों,लेकिन बागीचों के लिए यह अमृत जैसी है। कम से कम इस बार चिलिंग आवर्ज कोई मसला नहीं रहने वाले हैं। यह कहना है नौणी यूनिवर्सिटी

कैंसर के लिए रामबाग हैं जापानी मशरूम शटाके कृषि विभाग के मुताबिक अभी तक प्रदेश में शटाके मशरूम नहीं उगाया जाता है और इसकी सबसे अधिक संभावनाएं पालपपुर क्षेत्र में हैं… जापान, चीन व दक्षिण कोरिया के लोगों का पसंदीदा शटाके मशरूम प्रदेश में भी उगाया जाएगा। हिमाचल के इस शटाके मशरूम को विदेशी मार्केट

भले ही यह साल की पहली बर्फबारी है, लेकिन हिमाचल के ऊंचाई वाले इलाकों में सेब के लिए यह रामबाण साबित हुई है। बागबानी विशेषज्ञों की मानें, तो यह हिमपात आधे से ज्यादा चिलिंग आवर्ज पूरे कर चुका है। इससे इस बार सेब की बंपर फसल की उम्मीद है। ऐसे में करोड़ों के सेब कारोबार