अपनी माटी

हिमाचल में एक शुगर मिल तक नहीं बनवा पाई सरकारें, पंजाब में लुट रहे पांवटा साहिब,गगरेट और मीलवां के हजारों किसान भले ही हमारी सरकारें अपना एक साल पूरा होने पर भी जोरदार जश्न मनाती हों,लेकिन सच यह है कि प्रदेश में किसान की हालत बहुत खराब है। खासकर गन्ना उत्पादकों को पूछने वाला कोई

हिमाचल में आलू की मुख्य बैरायटियों में कुफरी सदाबहार, कुफरी हिमसोना, हिमगोल्ड, पुखराज, बहार चंद्रमुखी के अलावा बरोट और लाहुल का बीज प्रमुख है करीब 15 साल बाद एक बार फिर हिमाचल सरकार आलू का बीज बेचने की तैयारी कर रही है। प्रदेश सरकार अगर ऐसा करती है,तो लाखोें किसानों को इसके तीन बड़े फायदे

सिर्फ 36 रुपये प्रीमियम से हो जाएगा काम जिला के लहसुन उत्पादकों को महकमें ने फसल बीमा करवाने को कहा है। सरकार ने 14 दिसंबर तक टाइमलाइन इसके लिए तय किया था। लिहाजा, जिला के किसान बैंकों में पहुंच बीमा की औपचारिकताओं में जुट गए हैं। गेहूं व जौ का बीमा संबंधित बैंक एजेंसियों के

भले ही सरकारें नेक नीयत से योजनाएं चलाती हों,लेकिन ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता। ऐसे में वे योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं। प्रदेश का अग्रणी मीडिया ग्रुप दिव्य हिमाचल अपनी नई मैगजीन ‘अपनी माटी’ के पहले अंक में कुछ ऐसी महत्वपूर्ण योजनाओं का जिक्र कर रहा है। इनमें सोलर वाटर