अपनी माटी

हिमाचल में मानसून आने तक ही इस बार कई जगह ओलों ने बागों के तहस नहस कर दिया है। आलम यह है कि सरकार इससे जहां बेखबर है, वहीं बागबानों का दिल पूरी तरह बैठ गया है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आखिर वे अपनी व्यथा कहां और किसे सुनाएं। दूसरी ओर प्रदेश सरकार

हिमाचल के मंडी-कांगड़ा और चंबा जिलों में धान की बंपर खेती होती है। इन दिनों मंडी की बल्ह घाटी , कांगड़ा घाटी और चंबा के इलाकों में धान रोपाई तेजी से चल रही है। किसान ज्यादातर हाईब्रिड बीज को तवज्जो दे रहे हैं। कहीं कहीं पारंपरिक किस्में भी हैं,लेकिन वे न के बराबर ही रोपी

स्वयं सहायता समूहों के जरिए अपने स्वरोजगार में लगीं प्रदेश की महिलाओं  के लिए खुशखबरी है। इनके लिए एक नया प्रोजेक्ट आया है जिसमें इन महिलाओं को कृषि क्षेत्र में, पशुपालन में और मधुमक्खी पालन में ट्रेंड किया जाएगा।  इसके लिए बाकायदा केन्द्र सरकार ने हिमाचल को 35 करोड़ 83 लाख रूपए की राशि इस

हिमाचल में मानसून आने तक ही इस बार कई जगह ओलों ने बागों के तहस नहस कर दिया है। आलम यह है कि सरकार इससे जहां बेखबर है, वहीं बागबानों का दिल पूरी तरह बैठ गया है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आखिर वे अपनी व्यथा कहां और किसे सुनाएं। दूसरी ओर प्रदेश सरकार

इस बार ज्यादा सेब खरीदेगी सरकार, डेढ़ लाख टन फ्रूट की स्टोरेज का है इंतजाम कोविड के खतरे के बीच हिमाचल के सामने इस बार सेब की फसल को बचाने की चुनौती है। प्रदेश सरकार ने लगभग डेढ़ लाख मीट्रिक टन सेब के भंडारण की क्षमता का इंतजाम कर दिया है। इसमें निजी उद्यमियों की

हिमाचल में लेबर संकट,बागबानों पर बड़ी मार पड़ने की आशंकाजयराम सरकार का दावा, 20 हजार नेपाली संपर्क में हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सेब सीजन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी। जयराम ने पीएम को बताया था कि इस बार आने वाले सेब सीजन में हिमाचल में दो करोड़ सेब

यूनाइटेड नेशन द्वारा 21 मई को अतर्राश्ट्रीय चाय दिवस की घोषणा की गई है। इस  अवसर पर कोलकाता में स्पेशल आक् सन होगी,जिसमें कांगड़ा के चार चाय उत्पादक भाग लेंगे। यहां देश भर से कुल 300 उत्पादक हिस्सा लेंगे। खैर इस इस आक् सन में  80 किलो चाय सजेगी।  इसमें वाह टी एस्टेट द्वारा 45

हमीरपुर- वर्ष 2019 में चमकी रोग की मार झेल चुकी लीची इस बार हिमाचल के बाजारों की बड़ी पसंद बन गई है।  जिस लीची को वर्ष 2019 में ग्राहक 20 रुपए किलो खरीदने को तैयार नहीं थे, वहीं लिची आज 100 रुपए किलोग्राम के हिसाब से धड़ाधड़ बिक रही है। अपनी माटी टीम ने हमीरपुर

सिरमौर जिला के सैणधार मे अमरीकन केसर को उगाने के बाद अग्रणी किसान ने कश्मीरी केसर को उगा दिया है। कश्मीरी केसर की दुनिया भर में ऊंची कीमते हैं।  संदडाह गॉव के किसान चमन शर्मा ने कश्मीर से बीज मंगवाकर एक बीघा भूमि पर इसकी खेती शुरू की है। इससे पहले वह अमरीकन केसर उगाकर