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भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं हम अभी देख रहे हैं कि कैसे राष्ट्रपति ट्रंप की शरारतें राष्ट्रपति प्रणाली में सिरे नहीं चढ़ पा रही हैं। मोदी हमारे पहले ‘प्रेजिडेंशियल’ प्रधानमंत्री नहीं हैं। हमारी स्वतंत्रता से ही प्रधानमंत्रियों को देश के ‘शासकों’ के तौर

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं वर्तमान में ‘फर्स्ट-पास्ट-दि-पोस्ट’ (एफपीटीपी) (first-past-the-post) प्रणाली के तहत जनप्रतिनिधियों का निर्वाचन प्रत्येक उम्मीदवार द्वारा प्राप्त वोटों के आधार पर होता है। इसमें पार्टी जो भी हो, अन्य प्रत्याशियों से अधिक वोट पाने वाला विजयी घोषित होता है। अगर

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं अतः हिंदुत्व के पुनर्निर्माण में पहली चुनौती स्वयं इसका नाम है। यह उस सामान्य सिद्धांत को तोड़ता है कि एक नाम सर्वाधिक प्रभावशाली तभी होता है जब इसे व्याख्या की आवश्यकता नहीं होती। सावरकर ने इसका वर्णन करने

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं हमारी ‘विविधता में एकता’ बनाए रखने के लिए भारत को धार्मिक समानता भी कायम करनी होगी। मैंने हाल ही में लिखा है कि हमें धर्मनिरपेक्षता की एक नई परिभाषा की सख्त आवश्यकता है। जो धार्मिक स्वतंत्रता, कानून के

भानु धमीजा पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ के सीएमडी भानु धमीजा द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ पर पंचनद शोध संस्थान ने एक सेमिनार का आयोजन किया। इस दौरान एक अति संवादमूलक सत्र में बुद्धिजीवियों ने भारत की मौजूदा शासन प्रणाली के विभिन्न पहलुओं पर मंथन किया और

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं जहां तक राज्यसभा की भूमिका में बदलावों की बात है, इसे सरकार पर विशिष्ट निरीक्षण का अधिकार देकर, सामान्य उत्तरदायित्व लोकसभा के लिए छोड़ देना चाहिए। उदाहरणार्थ, अमरीकी सेनेट की भांति, भारत की राज्यसभा सभी विदेशी संधियों, प्रमुख

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं विकास से भी बढ़कर यह बेहतर शासन देने का उनका वचन था जो उन्हें सत्ता में लाया। आज भी भाजपा ‘‘बेहतर शासन’’ को ‘‘मोदी मंत्र’’ कहकर प्रचार करती है। और यह सही भी है क्योंकि धरातल पर शासन

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं मोदी के राष्ट्रपति बनने से हमारे देश के शासन को बड़े लाभ होंगे। लगातार राजनीति करने के बजाय वह अपना सारा ध्यान नीतियां लागू करने पर लगा पाएंगे। वह राष्ट्रपति पद की संरचना के अनुसार हमेशा अपनी पार्टी

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं केवल सहिष्णुता से ही लोकतांत्रिक सरकार नहीं चलती। इसके लिए कई अन्य स्थितियां भी आवश्यक हैं। भारत के बहुमत शासन ने देश को अनगिनत तरीकों से विफल किया है। इसने सांप्रदायिक तनावों को और बिगाड़ा जिससे देश का