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आसियान देशों के लिए विशेष तौर पर कुछ ऐसे क्षेत्रों में निवेश करने के लिए अच्छे मौके हैं जिनमें भारत ने काफी उन्नति की है। ये क्षेत्र हैं : डिजिटलीकरण, ई-कॉमर्स, सूचना प्रौद्योगिकी, बायोटेक्नोलॉजी, फार्मास्युटिकल्स,  पर्यटन और आधारभूत क्षेत्र। आसियान सहित दुनिया के विभिन्न देशों में इस बात को समझा गया है कि कोविड-19 के

भले ही केंद्र तथा राज्य सरकारें मिलकर कितने भी अभियान चला लें, सड़क पर जीवन तभी सुरक्षित हो सकता है जब इसके लिए समाज एकजुट हो जाए। लेकिन यह तभी संभव होगा जब लोग सड़क सुरक्षा के नियमों को अपने जीवन का अनिवार्य अंग बना लें। भले ही अपने गंतव्य पर पहुंच कर लोगों को

बांध बनाने के पीछे चीन की निर्माण कंपनियों का लालच मुनाफा कमाने का भी होगा, लेकिन जिस तरह से भारत, चीन के बीच लगातार तनातनी बनी रहती है, उस पर वह पानी के कारोबार के नाम पर भारत के उत्तर-पूर्व हिस्सों में बाढ़ से तबाह करने की अनोखी जंग का सहारा ले सकता है। वैसे

कुछ विशेष त्योहारों का आयोजन यहां धूमधाम से किया जाता है जिसमें यहां की समृद्ध परंपरा के दर्शन होते हैं, फिर चाहे वह दशहरा, दीपावली, होली, मकर संक्रांति, शिवरात्रि, पीपल जात्र, सरानाउली, काहिका मेला, निरमंड की बूढ़ी दिवाली, ढुंगरी मेला, विरशु हो अथवा बंजार मेला, सभी में यहां की सभ्यता और संस्कृति देखी जा सकती

गांवों से चुन कर आए ये युवा राजमहलों में रहने के आदी हो चुके अब्दुल्ला परिवार व सैयद परिवार से ज़्यादा अच्छी तरह घाटी के युवा मानस को पहचानते हैं। यही कारण था नए समीकरणों में सैयद परिवार और अब्दुल्ला परिवार दोनों ही हाशिए पर आ गए। जिला परिषदों में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पदों

पुरुष व महिला वर्ग में इस दौड़ की दूरी दस किलोमीटर व अंडर बीस वर्ष में लड़कों के लिए आठ किलोमीटर व लड़कियों के लिए छह किलोमीटर दौड़ना होता है। इस प्रतियोगिता का ट्रैक अधिकतर ग्रामीण इलाकों की सड़कों व रास्तों का होता है। इस प्रतियोगिता का आयोजन आज तक प्रदेश के विभिन्न जिला व

यदि आप एवरेस्ट विजय करना चाहते हैं तो आप सैर करते हुए वहां नहीं पहुंच सकते। परिवर्तन की मानसिक यात्रा हमें सफलता की ओर ले चलती है। यदि हमें जीवन की बाधाओं से पार पाना है और सफल होना है तो हमें इस मानसिक यात्रा में भागीदार होना पड़ेगा जहां हम नए विचारों को आत्मसात

एनटीपीसी द्वारा बनाई जा रही तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना की डीपीआर में उल्लेख था कि भूगर्भ वैज्ञानिकों ने सलाह दी कि जिस स्थल पर बैराज प्रस्तावित है (जिसके अब ध्वंसावशेष खड़े हैं), उसे वहां नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि वहां (जहां सुरंग बनेगी) गर्म पानी के सोते (हॉट वॉटर स्प्रिंग्स) होने की संभावना है। फिर डीपीआर में

डा. वरिंदर भाटिया कालेज प्रिंसिपल घर पर कंप्यूटर या पर्याप्त संख्या में मोबाइल न होने के कारण जहां ऑनलाइन पढ़ाई में लड़कों को लड़कियों पर प्राथमिकता दी गई, वहीं कोरोना के कारण आर्थिक तंगी से भी लड़कियों की पढ़ाई छूटने का डर शामिल हो गया। इस सर्वे के अनुसार 37 फीसदी लड़कों की तुलना में