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भानु धमीजा सीएमडी, दिव्य हिमाचल व्यक्तियों के ऐसे छोटे समूहों को समस्त शक्ति सौंपने का दोष हमारे नागरिकों या राजनेताओं को नहीं बल्कि हमारे संविधान को जाता है। यह हमारी सरकार को केंद्रीकृत करता है, हमारी पार्टियों को नियंत्रित करने में असफल है और एक शक्तिहीन संघीय ढांचे का निर्माण करता है… यह अब स्पष्ट

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक पिछले खत्म हुए साल के आखिरी माह में जब आशीष चौधरी दो महीने के यूरोपीय दौरे के बाद वापस एक सप्ताह के लिए घर छुट्टी आया तो खेल मंत्री राकेश पठानिया से मिला और अपनी ट्रेनिंग व ओलंपिक तक की भावी प्रतियोगिताओं के बारे में चर्चा की थी। खेल मंत्री

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार लेकिन यह कैसे होगा? यह तब होगा जब हम सरकार पर निर्भर होना छोड़ेंगे, सरकार को कोसना बंद करेंगे, नौकरशाही को दोष देने के बजाय खुद को दोष देंगे, गुस्सा तो आएगा, पर दूसरों पर नहीं, बल्कि खुद पर। यह तब होगा, जब हमारा व्याकरण बदलेगा और हम कहेंगे, ‘हां, मैं

सुखदेव सिंह, लेखक नूरपुर से हैं गर्मियों में पौंग बांध का पानी थोड़ा सूख जाता है और प्रभावशाली लोग इसके इर्द-गिर्द फसलों की बिजाई कर देते हैं। सरकारी विभाग इसका विरोध करते हैं, मगर प्रभावशाली लोग उनकी कोई बात नहीं सुनते हैं। अनेक बार फसलों की बिजाई को लेकर सरकारी अधिकारियों और किसानों में लड़ाई-झगड़ा तक

डा. वरिंदर भाटिया कालेज प्रिंसिपल भारतीय उद्योग जगत ने पश्चिम को बताया है कि प्रबंधकीय विशेषज्ञता में वह भी उनसे कंधे मिला सकता है। आज कई बहुराष्ट्रीय भारतीय कंपनियों ने विदेशों में जाकर अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों से न केवल टक्कर ली है, बल्कि उनसे ज्यादा अच्छे परिणाम दिए हैं। देश में पॉलिटिकल फ्रंट पर कामयाबी

शरद गुप्ता लेखक शिमला से हैं देखा यह भी जा रहा है कि जो बच्चे इस चंगुल में फंस गए हैं, उनके माता-पिता बचाव में लगे रहते हैं। अभिभावकों द्वारा ऐसे बच्चों को अक्सर पुलिस की नज़रों से बचाने के प्रयास किए जाते हैं। उस समय तो वे इस बात से अनभिज्ञ होते हैं कि

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक जब सेवित की आय में 50 प्रतिशत की कटौती हो गई है तो सेवकों की आय में भी उसी अनुपात में 50 प्रतिशत की कटौती करना उचित दिखता है। ऐसा करने से सरकार का घाटा घटेगा। समय क्रम में जब अर्थव्यवस्था पुनः ठीक हो जाए तो सेवकों के वेतन पूर्ववत किए

अदित कंसल, लेखक नालागढ़ से हैं पंचायतें गठित होते ही गारबेज कलेक्शन और कूड़ा संयंत्र स्थापित करने के लिए प्लान तैयार करें। दूसरा सबसे बड़ा दायित्व गांव से आर्थिक दरिद्रता समाप्त करने का है। प्रत्येक पंचायत प्रधान व उसकी टीम को शपथ ग्रहण करते समय यह सौगंध भी खानी चाहिए कि वह अपनी पंचायत को बीपीएल

डा. जयंतीलाल भंडारी, विख्यात अर्थशास्त्री जल मार्ग उपयोग करने वालों को कुछ सबसिडी भी दी जानी चाहिए। इससे अंतर्देशीय जल परिवहन और तटीय जहाजरानी दोनों को बढ़ावा मिलेगा, सस्ते में परिवहन होगा और उद्योग कारोबार को प्रोत्साहन मिलेगा। खासतौर से खतरनाक सामग्री और गैस, पेट्रोल या रसायनों का एक हिस्सा जल परिवहन को आवश्यक रूप से