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प्रो. सुरेश शर्मा लेखक नगरोटा बगवां से हैं बहुत से अध्यापक पुरस्कार की चाहत रखते हैं, योग्यता भी रखते हैं, परंतु आवेदन प्रक्रिया की जटिलताओं से परेशान होकर दूर से ही पुरस्कार को नमस्कार कर देते हैं। सेना या पुलिस में सम्मान, पदक या अलंकरण के लिए आवेदन नहीं करना पड़ता। इसी प्रकार शिक्षक पुरस्कारों

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार अब उसके 23 नेता चाहते हैं कि आत्मनिरीक्षण करते हुए पार्टी में बदलाव लाए जाएं, परंतु पार्टी इसके लिए तैयार नहीं है। उन्होंने मात्र एक पत्र लिखा था, किंतु अब इस गुनाह के लिए उनको निशाने पर लिया जा रहा है। पार्टी के पुराने नेता गुलाम नबी आजाद ने

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक 50 प्रतिशत युवा संयोजक व 25 प्रतिशत पद हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाते हैं। प्रशिक्षक बनने की योग्यता बहुत कठिन है। स्नातक डिग्री के साथ जो प्रतिभागी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हो या तीन बार वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व किया हुआ हो या शारीरिक शिक्षा में

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार सवाल यह है कि यदि लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से लाभ नहीं मिल रहा है तो क्या किया जाए? इसके लिए आवश्यक है कि गरीब और वंचित लोगों को रोजगारपरक तथा उद्यमिता की शिक्षा दी जाए। उनकी स्किल बढ़े, वे कमाने लायक बन सकें और उत्पादकता में भी योगदान दें।

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान यदि जैव विविधता बढ़ाने की दृष्टि से वन प्रबंध किया जा रहा हो, तभी किसी वन क्षेत्र की वस्तुओं और सेवाएं देने की क्षमता अधिकतम हो सकती है। जो वन व्यापारिक दृष्टि से निम्नीकृत माना जाएगा, वह स्थानीय आजीविका की दृष्टि से स्वस्थ वन हो सकता है। गरीबी के

भानु धमीजा सीएमडी, दिव्य हिमाचल गांधी इस पर पूरी तरह स्पष्ट थे कि नई कांग्रेस और इसके सदस्य किस प्रकार देश की सेवा करेंगे। उनका प्रारूप विशिष्ट था। उन्होंने लिखा कि हर कांग्रेस कार्यकर्ता को ‘‘छुआछूत शपथपूर्वक त्यागनी होगी’’ और ‘‘अंतर-सांप्रदायिक एकता, और सभी धर्मों के लिए समान आदर व सम्मान के आदर्श में विश्वास

पंचायत प्रधान जनता की बजाय राजनीतिक दलों के ब्रांड एंबेसेडर बन जाते हैं जिसका खामियाजा गरीब जनता को भुगतना पड़ता है। ठीक इसी वजह से प्रधान की हमेशा यही कोशिश रहती है कि वह अन्य सदस्यों को भी अपनी टीम में शामिल करे। मगर कई बार वास्तव में ऐसा नहीं हो पाता और पंचायतें गुटबाजी

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक इन समस्याओं का पहला समाधान यह है कि हम फरक्का के आकार को बदलें। गेट के माध्यम से हुगली में पानी पहुंचाने के स्थान पर फरक्का के पूरब जालंगी नदी की ड्रेजिंग करके गंगा के पानी को हुगली तक ले जाएं। तब फरक्का के कारण जो गाद और पानी में असंतुलन

प्रवीण कुमार शर्मा सतत विकास चिंतक दोनों प्रक्रियाओं के अपने-अपने गुण-दोष हैं। मनोनयन से पार्टी के प्रति निष्ठा व अनुशासन को बढ़ावा मिलता है। पार्टी विस्तार के दौरान यह प्रक्रिया बहुत लाभदायक सिद्ध हुई। सत्ता काल में इस प्रक्रिया में सबसे बड़ा दोष यह है कि योग्यता को अपने लिए खतरा मानते हुए स्थापित नेतृत्व