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कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान यदि जैव विविधता बढ़ाने की दृष्टि से वन प्रबंध किया जा रहा हो, तभी किसी वन क्षेत्र की वस्तुओं और सेवाएं देने की क्षमता अधिकतम हो सकती है। जो वन व्यापारिक दृष्टि से निम्नीकृत माना जाएगा, वह स्थानीय आजीविका की दृष्टि से स्वस्थ वन हो सकता है। गरीबी के

भानु धमीजा सीएमडी, दिव्य हिमाचल गांधी इस पर पूरी तरह स्पष्ट थे कि नई कांग्रेस और इसके सदस्य किस प्रकार देश की सेवा करेंगे। उनका प्रारूप विशिष्ट था। उन्होंने लिखा कि हर कांग्रेस कार्यकर्ता को ‘‘छुआछूत शपथपूर्वक त्यागनी होगी’’ और ‘‘अंतर-सांप्रदायिक एकता, और सभी धर्मों के लिए समान आदर व सम्मान के आदर्श में विश्वास

पंचायत प्रधान जनता की बजाय राजनीतिक दलों के ब्रांड एंबेसेडर बन जाते हैं जिसका खामियाजा गरीब जनता को भुगतना पड़ता है। ठीक इसी वजह से प्रधान की हमेशा यही कोशिश रहती है कि वह अन्य सदस्यों को भी अपनी टीम में शामिल करे। मगर कई बार वास्तव में ऐसा नहीं हो पाता और पंचायतें गुटबाजी

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक इन समस्याओं का पहला समाधान यह है कि हम फरक्का के आकार को बदलें। गेट के माध्यम से हुगली में पानी पहुंचाने के स्थान पर फरक्का के पूरब जालंगी नदी की ड्रेजिंग करके गंगा के पानी को हुगली तक ले जाएं। तब फरक्का के कारण जो गाद और पानी में असंतुलन

प्रवीण कुमार शर्मा सतत विकास चिंतक दोनों प्रक्रियाओं के अपने-अपने गुण-दोष हैं। मनोनयन से पार्टी के प्रति निष्ठा व अनुशासन को बढ़ावा मिलता है। पार्टी विस्तार के दौरान यह प्रक्रिया बहुत लाभदायक सिद्ध हुई। सत्ता काल में इस प्रक्रिया में सबसे बड़ा दोष यह है कि योग्यता को अपने लिए खतरा मानते हुए स्थापित नेतृत्व

डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री स्पष्ट रूप से दूध उत्पादन अन्य कृषि कार्यों की तुलना में आसान है। दूध की खरीद, परिवहन और भंडारण प्रक्रिया आसान है। दूध हर मौसम में हर रोज उत्पादित होता है और खरीदा जाता है। दूध उत्पादन खरीद की प्रक्रिया में सरकारी कंपनियां नहीं बल्कि सहकारी समितियां शामिल होती हैं।

हेमांशु मिश्रा लेखक पालमपुर से हैं जहां इंस्पेक्टरी राज-लाइसेंस प्रणाली जैसी अव्यवस्था टूट रही थी तो वहीं महात्मा गांधी जी, दीन दयाल उपाध्याय जी और लोहिया जी के ग्राम केंद्रित अर्थव्यवस्था के स्वप्न अमलीजामा पहनाने से पहले ही धराशायी हो गए। अब देश और बुद्धिजीवी ग्लोबल विलेज की बात करने लग पड़े थे। डब्ल्यूटीओ की

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार राहुल गांधी ने कहा कि चिट्ठी लिखने वाले भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में हैं। भाजपा के इशारे पर ही चिट्ठी लिखी गई है। इसका अर्थ यह हुआ कि सोनिया परिवार का यह निष्कर्ष है कि इस देश में माई कन्ट्री की चिंता केवल भाजपा करती है तो यकीनन

कर्नल (रि.) मनीष धीमान, स्वतंत्र लेखक भारत में अलग-अलग तरह के त्योहार और पर्व मनाने की एक विशेष परंपरा है और इस तरह के उत्सवों के साथ जनमानस दिल से जुड़ा हुआ है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण इस बार होली, ईद, जन्माष्टमी तथा अब मुहर्रम और गणेश चतुर्थी सब सूनेपन में बीत गए। हर