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युवाओं के लिए रोजगार के मौके जुटाने के लिए डिजिटल शिक्षा के रास्ते में दिखाई दे रही कमियों को दूर करना होगा, वहीं उन्हें कौशल प्रशिक्षण के साथ नए स्किल्स सिखाए जाने होंगे...

इस भव्य आयोजन के साथ देश तथा दुनिया में समभाव, सद्भाव, प्रेम तथा शांति की प्रार्थना की जानी चाहिए। श्रद्धा के साथ इसे मनाया जाए...

आश्रम का पूरा वाल्मीकि समाज राम कथा का गायन करता था। यह समाज राम कथा गा-गाकर राममय हो गया था। दूर-दूर से श्रोतागण इस संगीत की धारा का रसास्वादन करने के लिए पहुंचते थे। एक ऐसा वाल्मीकि समाज आकार ग्रहण कर रहा था जिसमें चारों वर्णों की योग्यता समाहित थी। वाल्मीकि समाज और राम कथा एकाकार हो गई थी...

विश्व का सबसे बड़ा खेल आयोजन ओलंपिक इसी वर्ष दस्तक देने वाला है। भारतीय कुश्ती तथा उभरते युवा पहलवानों के बेहतर भविष्य के मद्देनजर भारतीय कुश्ती महासंघ व पहलवानों के बीच चल रहे विवाद का हल निकलना चाहिए। खेल संस्थाएं सियासत के चंगुल से मुक्त होनी चाहिएं...

खुशियों का मूल मंत्र बस इतना-सा ही है। इससे भी आगे बढक़र देखें तो खुशी एक ऐसी जरूरत है जिसके लिए पैसे खर्च नहीं होते। गर्मियों में शीतल हवा में बैठना और सर्दियों में गुनगुनी धूप में बैठकर विटामिन-डी लेना मुफ्त है। पेड़-पौधों, फूलों-पत्तियों का आनंद लेना मुफ्त है। किसी को गले लगाना मुफ्त है। किसी को दो मीठे बोल बोल देना मुफ्त है। किसी की बात सुन लेना मुफ्त है। सैर करना मुफ्त है। कसरत करना मुफ्त है। प्राणायाम मुफ्त है। ध्यान करना मुफ्त है। अपनी छोटी-छोटी सफलताओं पर खुश होना मुफ्त है। अपने बच्चों की देखभाल करना, उन्हें समय देना, उनकी प्यारी-प्यारी बातें सुनना मुफ्त है। अपने लक्ष्य की तरफ टिके रहना मुफ्त है। खुश रहना और खुश रखना मुफ्त है...

हम उम्मीद करें कि सरकार अयोध्या में राम मंदिर, उज्जैन में महाकाल लोक और वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम जैसे आस्था केंद्र स्थलों का देश के कोने-कोने में विकास करेगी और वहां बुनियादी ढांचा व पर्यटन सुविधाओं को सुगम बनाएगी। निश्चित रूप से ऐसे में देश वर्ष 2030 तक विदेशी पर्यटकों से 56 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लक्ष्य को मुठ्ठियों में करने के लिए आगे बढ़ते हुए दिखाई दे सकेगा...

यही कारण हैं कि संसद बहस के लिए निरर्थक हो चुकी है। इतिहास बताता है कि हमारी संसद दशकों से बिना बहस के कानून पारित करती रही है। कुछ उदाहरणों पर गौर करें : 1990 में चंद्रशेखर सरकार ने दो घंटे से भी कम समय में 18 विधेयक पारित किए; 2001 में 32 घंटों में 33 बिल पारित किए गए; 2007 में लोकसभा ने 15 मिनट में तीन विधेयक पारित किए; 2021 में 20 विधेयक बिना किसी बहस के पारित हुए। स्वाभाविक है कि लोकसभा की बैठकों में भी कमी आई है। यह 1952-70 में प्रत्येक वर्ष 121 दिनों के लिए बैठती थी, लेकिन अब औसत केवल 68 दिन है...

पहाड़ के सीने पर सजे ये आलातरीन सैन्य पदक मैदाने जंग में वीरभूमि के सैन्य पराक्रम की तस्दीक करते हैं, मगर इसके बावजूद शौर्य का धरातल सेना में अपने नाम की शिनाख्त ‘हिमाचल रेजिमेंट’ को एक मुद्दत से मोहताज है...

उच्चतम न्यायालय की बैंच इस बात पर विचार करेगी कि क्या यह विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं... अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में आ गया है। विश्वविद्यालय की पहचान और इसकी वैधानिक स्थिति को लेकर इस विश्वविद्यालय की चर्चा बार-बार होती ही रहती है। दरअसल यह विश्वविद्यालय अपने जन्म काल से ही चर्चा में है। 1857 की आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों ने अनेक सबक सीखे थे और उसके अनुरूप भारत को लेकर अपनी नीति और रणनीति दोनों को ही बदला। इस लड़ाई में भारत के देसी मुसलमान अंग्रेजों के विपक्ष में खड़े थे। इसलिए अंग्रेजों को ऐसे मुसलमानों की तलाश थी, जो विदेशी मूल के हों और भारत के देसी मुसलमानों को अपने पिछलग्गू बना कर उनका नेतृत्व संभाल सकें। इसके लिए अंग्रेज हुक्मरानों ने अनेक उपाय किए जिनमें से अलीगढ़ में एक शिक्षा संस्थान की स्थापना भी