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दरअसल अधिकतर सरकारी एजेंसियां, टेलिकॉम कंपनियां और बैंक आदि अपना काम आगे अलग-अलग कंपनियों को ठेके पर देते हैं। इन कंपनियों के कर्मचारी ‘उधार के सिपाही’ हैं जो कुछ पैसों के लिए किसी भी तरह की जानकारी बांटने, बेचने आदि के लिए स्वतंत्र हैं। बहुत सी मार्केटिंग कंपनियों ने ऐसे लोगों की टीम बना रखी

समर फेस्टिवल में दिन को प्रदर्शनियां लगाई जा रही हैं और रात को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करके जनता का खूब मनोरंजन किया जा रहा है। जिला कांगड़ा प्रशासन इससे पूर्व कोरोना वायरस काल के दौरान अपनी बेहतरीन सेवाएं देने वालों को एक सफल कार्यक्रम आयोजित करके सम्मानित कर चुका है। सरस मेला भी जिला

हिंदी भारत में संपर्क भाषा का कार्य करती है और कुछ हद तक पूरे भारत में सामान्यतः एक सरल रूप में समझी जाने वाली भाषा है। किसको इनकार होगा कि भारतीय विचार और संस्कृति का वाहक होने का श्रेय हिंदी को ही जाता है। आज संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं में भी हिंदी की गूंज सुनाई

हालांकि अभी तक केवल विदेशी कंपनियों ने ही हाईड्रोजन ईंधन प्रौद्योगिकी विकसित की है, लेकिन हाल ही में भारत के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी ने स्वयं के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया है कि अगले कुछ वर्षों में वे नवीकरणीय ऊर्जा में 75 अरब डॉलर का निवेश करेंगे। कहा जा रहा है कि उनके

यद्यपि देश के कुछ उत्पादक चीन के कच्चे माल का विकल्प बनाने में सफल भी हुए हैं, परंतु अभी इन क्षेत्रों में अतिरिक्त प्रयासों से चीन तथा अन्य देशों से आयात को कम किए जाने की जरूरत बनी हुई है। हम उम्मीद करें कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में अधिक निर्यात, मजबूत घरेलू मांग, विनिर्माण

इंदौर शहर में ही 11 दिनों (30 अप्रैल से 11 मई) में 50 से ज्यादा आगजनी की घटनाएं हुई हैं। यह जानना भी प्रासंगिक होगा कि शहर के पूरे भौगोलिक क्षेत्र में एक समान तापमान में वृद्धि नहीं होती। पक्के तथा सघन क्षेत्र ज्यादा एवं हरियाली युक्त खुले क्षेत्र कम गर्म होते हैं। ब्रिटिश मौसम

जिस तरह की उत्पादन की तकनीक स्वचालन और कृत्रिम-बुद्धि के द्वारा विकसित की जा रही है, उससे केंद्रीकरण को बढ़ावा मिल रहा है और कामगारों की जरूरत कम होती जा रही है। इससे बेरोजगारी बढ़ते ही जाने की संभावना बढ़ेगी। राजनीतिक तौर पर कोई इस तरह के बुनियादी सवालों से उलझना ही नहीं चाहता है।

ज़ाहिर है केजरीवाल अपने सत्ता विस्तार के अभियान में पंजाब को एक सीढ़ी की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें उन्हें कितनी सफलता मिलेगी, यह तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन अपने इस प्रयोग में वे पंजाब को पुनः अराजकता के दलदल में धकेल देंगे… पंजाब में बहुत मुश्किल से पाकिस्तान की साजि़श को नाकाम करते

हताश व्यक्ति का किसी काम में मन नहीं लगता, इसलिए वह कोई नया काम नहीं कर पाता और वह अपनी असफलता को स्थायी बनाकर हमेशा के लिए असफल हो जाता है। वहीं यदि हम असफलताओं से घबराए बिना असफलता के कारणों का विश्लेषण करें तो हम न केवल उन गलतियों का तोड़ निकालने की जुगत