डा. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री

अब पाकिस्तान ने इसमें ड्रोन का खेला भी शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार ने सीमांत इलाक़ों में सीमा सुरक्षा बल के कार्य क्षेत्र की सीमा पचास किलोमीटर तक बढ़ा दी है। पाकिस्तान नहीं चाहता कि यह कार्य क्षेत्र बढ़ाया जाए क्योंकि इससे उसे अपनी योजनाओं को पूरा करने में दिक्कत होती है। लेकिन सिद्धू

उच्चतम न्यायालय की सुनवाई कर रही पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि सीमा के पार चीन हिमालय क्षेत्र में सड़कें बना रहा है, वहां भी तो हिमालय की प्रकृति वैसी ही होगी जैसी इधर है। दरअसल पूरे पर्वतीय क्षेत्रों में विकास बनाम प्रकृति संरक्षण की बहस काफी लंबे अरसे से छिड़ी हुई है। बीच-बीच में

दरअसल पंडित नेहरू का वह पत्र एक बार फिर चर्चा में आ गया है जो उन्होंने उन्हीं दिनों अपनी बहन श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित को लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि यदि पाकिस्तान से समझौता करने की नौबत आ ही गई तो मैं गिलगित पाकिस्तान को देने को तैयार हूं। महाराजा हरि

आज तक भारत सरकार स्वयं ही दक्षिण एशिया में चीन के वर्चस्व को स्वीकार कर रही थी। लेकिन अब भारत ने अपने व्यापक हितों को देखते हुए अपनी विदेश नीति में परिवर्तन करते हुए पड़ोसी देशों के साथ सांस्कृतिक समानता के आधार पर संबंधों को सुदृढ़ करना शुरू किया है, जिसके कारण चीन की चिंता

हिंदू-सिखों की इन सिलैक्टड हत्याओं से ज़ाहिर है घाटी में अल्पसंख्यकों में भय व्याप्त होता और वे घाटी छोड़ने लगते। लेकिन इन सिलैक्टड हत्याओं के बाद सुरक्षा बलों ने भी अपनी रणनीति बदली और एक साथ ही प्रदेश के अनेक स्थानों पर छापामारी कर लगभग पांच सौ से भी ज्यादा आतंकवादियों के ओवरग्राऊंड वर्करों को

कन्हैया कुमार ने कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज कहा है। वह उसे बचाने कांग्रेस में आए हैं। इस संबंध में कांग्रेस के इतिहास का पुराना किस्सा याद आ रहा है। कुमारमंगलम जाने-माने कम्युनिस्ट थे। लेकिन जब कम्युनिस्टों को लगा कि अपने बलबूते भारत में उनका कोई भविष्य नहीं है, तब उन्होंने रणनीति के तौर पर

सिद्धू को लेकर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने उसके पाकिस्तान के हुकुमरानों के साथ संबंधों को लेकर प्रश्न खड़ा कर दिया। कैप्टन फौज में रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वे देश की सुरक्षा के प्रश्न पर सोनिया परिवार से अपने संबंधों की बलि भी चढ़ा सकते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के इस प्रश्न पर सोनिया

एटीएम की सबसे बड़ी दिक्कत यही है कि जिस अनुच्छेद 370 की छत्रछाया में यह समाज फल-फूल रहा था, वह छत्रछाया समाप्त हो गई है। अब सचमुच कश्मीरी जनता अपना नेतृत्व निर्माण कर रही है। पिछले दिनों जिला विकास परिषदों के चुनाव इसका सबूत है। हुर्रियत कान्फ्रेंस हाशिए पर है… जब से अफगानिस्तान के अधिकांश

क्षणिक लाभ के लिए आदमी लोभ की वृत्ति से ग्रसित हो जाता है और उसके कारण उसका सांसारिक और गृहस्थ जीवन प्रभावित होता है। मनोविकारों पर नियंत्रण पाना ही सबसे बड़ी साधना है… देशभर में दशगुरु परंपरा के नवम गुरु श्री तेगबहादुर जी की चार सौवीं जयंती मनाई जा रही है। उनकी जन्मसाखी में एक