डा. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री

राम का जीवन आदर्श जीवन कहा जा सकता है। वाल्मीकि महाराज स्वयं अपनी राम कथा में बार-बार यह बताते रहते हैं। ऐसे श्री रामचंद्र जी हमारे पूर्वज थे। वे केवल हमारे ही पूर्वज नहीं थे, बल्कि उन्होंने अपने शासन काल में जो राज काज के मानदंड स्थापित किए, वे आज भी दुनिया भर के आदर्श कहे जा सकते हैं। अयोध्या में हजारों साल से हमारे पूर्वज श्री रामचंद्र जी का स्मृति स्थल बना हुआ था। वह स्मृति स्थल सारे देश को प्रे

आश्रम का पूरा वाल्मीकि समाज राम कथा का गायन करता था। यह समाज राम कथा गा-गाकर राममय हो गया था। दूर-दूर से श्रोतागण इस संगीत की धारा का रसास्वादन करने के लिए पहुंचते थे। एक ऐसा वाल्मीकि समाज आकार ग्रहण कर रहा था जिसमें चारों वर्णों की योग्यता समाहित थी। वाल्मीकि समाज और राम कथा एकाकार हो गई थी...

उच्चतम न्यायालय की बैंच इस बात पर विचार करेगी कि क्या यह विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं... अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में आ गया है। विश्वविद्यालय की पहचान और इसकी वैधानिक स्थिति को लेकर इस विश्वविद्यालय की चर्चा बार-बार होती ही रहती है। दरअसल यह विश्वविद्यालय अपने जन्म काल से ही चर्चा में है। 1857 की आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों ने अनेक सबक सीखे थे और उसके अनुरूप भारत को लेकर अपनी नीति और रणनीति दोनों को ही बदला। इस लड़ाई में भारत के देसी मुसलमान अंग्रेजों के विपक्ष में खड़े थे। इसलिए अंग्रेजों को ऐसे मुसलमानों की तलाश थी, जो विदेशी मूल के हों और भारत के देसी मुसलमानों को अपने पिछलग्गू बना कर उनका नेतृत्व संभाल सकें। इसके लिए अंग्रेज हुक्मरानों ने अनेक उपाय किए जिनमें से अलीगढ़ में एक शिक्षा संस्थान की स्थापना भी

बलूचियों की एक समस्या तो पाकिस्तान सरकार से है, लेकिन उनकी दूसरी समस्या चीन सरकार से है। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान की गिवादर बंदरगाह के बहाने लगभग उस इलाके का प्रशासन परोक्ष रूप से चीनी अधिकारियों के हवाले ही कर दिया है। चीनी अधिकारियों ने बलूचों को उनके अपने ही घर में दूसरे दर्जे का शहरी बना कर रख दिया है। जब कभी बलूचों और चीनियों में झगड़ा होता है, जो गाहे बगाहे होता ही रहता है, तो

अब भारतीय जनता पार्टी ने राजनीति में एक नई रीत चला दी है। ऐसे-ऐसे लोग राजनीति में आगे आ रहे हैं जिनके बारे में जानने के लिए मीडिया वालों को गांवों में जाकर धक्के खाने पड़ रहे हैं। कौन हैं भजन लाल शर्मा? पिता जी क्या करते हैं? गांव में सडक़ भी है या नहीं? ऐसी कितनी जानकारियां जमा करनी पड़ र

अपना रोष प्रकट करने के लिए उस वक्त युवाओं ने जहाज हाईजैक करने का रास्ता चुना था और अब युवा संसद के अंदर आकर धुआं फैला रहे हैं। इसमें सुरक्षा को खतरा कहां है? वैसे केवल रिकार्ड के लिए जहाज हाईजैक करने वाले ‘निराश युवाओं’ को कांग्रेस ने ईनाम भी दिया था। दोनों को कांग्रेस ने अपनी टिकट पर चुनाव लड़वाया। देवेंद्र नाथ पांडेय को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव का पद दिया गया। बलिया के रहने वाले भो

यही कारण था कि जब मई 2019 में भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 ही समाप्त कर दिया तो सबसे ज्यादा मिठाई वहां के वाल्मीकि समाज ने ही बांटी। लेकिन उनकी यह खुशी ज्यादा देर नहीं टिक सकी। सैयदों ने इस पर चीख-पुकार मचा दी। शेख चिल्लाने लगे। मुफ्ती हकलाने लग पड़े। उन्होंने

चुनाव परिणाम आने के बाद ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, लालू यादव, स्टालिन, अखिलेश यादव इत्यादि सभी ने इस बैठक में आने से इंकार कर दिया तो कांग्रेस को अपनी इंडी की यह बैठक ही स्थगित करनी पड़ी...

भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सैयद गुलाम नबी फाई ने अमेरिका में कश्मीर अमेरिकी परिषद बना रखी थी। वह भारत विरोधी प्रचार करता है...