डा. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार इंग्लैंड के नागरिकों ने भारतीय उच्चायोग पर अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया और वहां तोड़-फोड़ की। ऐसा नहीं कि ब्रिटेन की सरकार को इस प्रदर्शन की सूचना नहीं थी। इसकी कई दिनों से तैयारियां चल रहीं थी और लंदन का पाकिस्तानी उच्चायोग इसको पूरी

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार कश्मीरियों की बड़ी जातियां यह सारा खेल अनुच्छेद 370 की आड़ में खेलती थीं। लेकिन अब 370 की यह छतरी हट जाने के कारण गुज्जरों को भी उनके सभी संवैधानिक अधिकार प्राप्त हो जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में इसी प्रकार का दूसरा प्रताडि़त समुदाय पहाड़ी राजपूतों का है। ये सभी क्षत्रिय

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति दोनों ही भ्रष्टाचार के आरोपों में आरोपित हैं। चिदंबरम अपने बेटे को दाएं- बाएं से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लाभ पहुंचाते रहे और अब दोनों ही कानून के फंदे को लचर लालों से काटने का प्रयास करते रहे । चिदंबरम की योजना

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार अभी तक पाकिस्तान, अनुच्छेद 370 की व्याख्या यह कह कर करता था कि भारत स्वयं भी जम्मू-कश्मीर को अपना स्थायी हिस्सा नहीं मानता, इसीलिए उसने अपने संविधान में इस राज्य की व्यवस्था के लिए यह विशेष अनुच्छेद बनाया हुआ है और न ही भारत का संघीय संविधान प्रदेश पर

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार दरअसल यह अनुच्छेद पंडित नेहरू और उनके मित्र शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के षड्यंत्र का परिणाम था। शेख अब्दुल्ला नेहरू को ब्लैकमेल कर रहे थे और भारतीय संविधान की आड़ में जम्मू-कश्मीर को अपनी जागीर की तरह इस्तेमाल करना चाहते थे। अनुच्छेद 370 उसमें शेख की सहायता कर रहा था।

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार अब उच्चतम न्यायालय ने भी कह दिया है कि मध्यस्थता करवाए जाने का प्रयोग विफल हो गया है। इसलिए छह अगस्त से राम मंदिर मामले की सुनवाई अब रोज हुआ करेगी। खुदा का शुक्र है कि कपिल सिब्बल ने अब फिर नहीं कहा कि यह मामला एक बार फिर

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार   उनका कहना है कि देश की बहुसंख्या राम को पूज्य मानती है, इसलिए उसके नाम से युद्ध उद्घोष बन जाना, एक प्रकार से राम का अपमान करना ही माना जाएगा। वैसे अपने आप में यह तर्क बहुत खतरनाक है। कहीं यह गैंग कल यह न कहना शुरू कर

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार   हो सकता है परिवार में यह फैसला हो ही गया हो कि गद्दी पर प्रियंका की ताजपोशी कर दी जाए, लेकिन यदि ताजपोशी होनी ही है, तो यह काम इस प्रकार किया जाए कि यह बहुत भव्य प्रकरण होना चाहिए। इस प्रकार के पद के दावेदार को सामान्य

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार देश के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ है कि विधानसभा के दस सदस्य उच्चतम न्यायालय में जाकर फरियाद लगा रहे हैं कि उनका त्यागपत्र स्वीकार किया जाए। उधर विधानसभा के अध्यक्ष हैं कि जब सदस्य त्यागपत्र देने उनके कार्यालय में जाते हैं, तो वह हड़बड़ी में भाग लेते