अनुज कुमार आचार्य

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं यहां अल्फ्रेड एडलर का कथन भी दृष्टव्य है ‘बुद्धिमान व्यक्तियों की प्रशंसा की जाती है, धनवान व्यक्तियों से ईर्ष्या की जाती है, बलशाली व्यक्तियों से डरा जाता है, लेकिन विश्वास केवल चरित्रवान व्यक्तियों पर ही किया जाता है’। शिक्षकों को अपनी तमाम कमियों को परे रखकर विद्यार्थियों के

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जिले के लेथपोरा इलाके में जैश ए मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद द्वारा एक गाड़ी के द्वारा सीआरपीएफ जवानों से भरी बस के साथ किए गए फिदायीन विस्फोट हमले में सीआरपीएफ के 43 से ज्यादा जवानों की शहादत विचलित करने वाली है। यह वक्त का

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं इसी वर्ष जून में सरकार ‘राइजिंग हिमाचल’ नाम से इन्वेस्टर मीट भी आयोजित करने जा रही है। वाइब्रेंट गुजरात की तर्ज पर इस मेगा इवेंट के सफल आयोजन से निस्संदेह देश-विदेश के बड़े निवेशकों के हिमाचल में निवेश करने से हमारी पढ़ी-लिखी शिक्षित युवा पीढ़ी को घर-द्वार पर

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को मिड-डे-मील योजना के तहत दोपहर का भोजन दिया जा रहा है। इस योजना के लागू होने से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कई ऐसे गरीब परिवारों के बच्चों को लाभ पहुंचा

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं हिमाचल प्रदेश के निजी शैक्षणिक संस्थानों में अढ़ाई सौ करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच का जिम्मा तो प्रदेश सरकार ने सीबीआई को सौंप दिया है, लेकिन पिछले तीन शैक्षणिक सत्रों से सैनिक स्कूल सुजानपुर टिहरा में पढ़ने वाले मेधावी हिमाचली बच्चों की छात्रवृत्ति क्यों रोकी गई है…

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं दुख तब और ज्यादा बढ़ जाता है जब हम अपनी युवा पीढ़ी को नशे का आदी बनकर उन्हें बर्बाद होते देखते हैं। हिमाचल का युवा फौज में जाकर राष्ट्र सेवा करने वाला रहा है, लेकिन आजकल सेना की भर्तियों में उनके फूलते दम को देखकर यह अनुमान सहज

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के परिवारों सहित वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है, लिहाजा समय-समय पर प्रदेश  की सरकारें अपने कर्मचारियों के हित में फैसले लेती आई हैं। कर्मचारियों की अन्य मांगों में भत्तों में बढ़ोतरी, मकान भत्ते में बढ़ोतरी, नए सरकारी आवासों के निर्माण के लिए

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं जोगिंद्रनगर-पठानकोट रेल ट्रैक के हवाई सर्वेक्षण के बाद उनकी उसे ब्रॉडगेज में न बदलने की घोषणा चौंकाने वाली है। बेहतर होता पहले वे कांगड़ा-चंबा और मंडी संसदीय क्षेत्रों के अपने सांसदों से राय-मशविरा कर लेते और एक कमेटी द्वारा पुनः इस रेलमार्ग के ब्रॉडगेज में बदलने की संभावनाओं

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं आज इन योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है, क्योंकि अधिकतर अशिक्षित लोगों को कई योजनाओं की जानकारी ही नहीं होती है और उनको पहुंचने वाले फायदों को चोर बाजारी करने वाले लोग लूट ले जाते हैं… भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का मूल उद्देश्य उपभोक्ताओं को सस्ती