अपनी माटी

राज्य सरकार ने इस वर्ष के दौरान राज्य में सेब की खरीद के लिए मंडी मध्यस्थता योजना यानी एमआईएस को लागू करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस योजना को 20 जुलाई से 31 अक्तूबर तक लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत लगभग 1.48 लाख मीट्रिक टन सेब की खरीद का लक्ष्य रखा गया

हिमाचल में सेब सीजन जोरों पर है। आढ़तियों से लेकर क्लेक्शन सेंटरों तक जयराम सरकार की पैनी नजर है। सरकार अब बागबानों को एक और बड़ा तोहफा देने जा रही है। अपनी माटी के लिए शिमला से हमारे विशेष संवाददाता शकील कुरैशी ने महेंद्र सिंह से विशेष भेंट की। इस दौरान बागबानी मंत्री ने अपना मास्टर प्लान

हिमाचल के 10 लाख किसानों के लिए उम्मीदों भरा समाचार है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश सरकार फसलों को मंडियों तक ले जाने का इंतजाम खुद करने जा रही है। जिन स्थानों पर ऐसा नहीं हो पाएगा, वहां खेत में ही साग-सब्जी को बिकवा दिया जाएगा। मंडी में सीएम ने दिव्य हिमाचल

हिमाचल में धान की 80 फीसदी खेती पानी पर निर्भर रहती हैं। करीब 6 माह तक हिमाचली किसान पानी या फिर कीचड़ सने खेतों में काम करता है। …लेकिन यह पहाड़ी प्रदेश के किसानों का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि बरसात के दिनों में काम के दौरान हिमाचल सरकार ने आज तक उन्हें कोई सेफ्टी

सेब सीजन से पहले हिमाचल में प्लम ने तहलका मचा दिया है। आलम यह है कि शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी में ही प्लम 100 रुपए किलो बिक रहा है। अपनी माटी के लिए ठियोग से हमारे कार्यालय संवाददाता रोहित सेम्टा ने भट्टाकुफर मार्केट का दौरा किया। प्लम की सेंटारोजा वैरायटी सौ रुपए प्रति किलो के हिसाब से

जानलेवा बीमारी से वहां कई बच्चों की मौत हो चुकी है। हर ओर भ्रम फैलाया जा रहा था कि लीची के कारण यह बीमारी फैली। यही वजह है कि इस सबका असर हिमाचल में लीची के कारोबार पर पड़ा है। असर इतना बुरा हुआ है कि हिमाचल में इस सीजन में लीची का कारोबार 40

हिमाचल में फसल बीमा योजना पर बड़ा सवालिया निशान लग गया है। मौजूदा समय में एक लाख इकसठ हजार किसानों ने बीमा करवा रखा है, लेकिन उन्हें फसल के नुकसान पर किसी तरह का मुआवजा नहीं मिल रहा। अब इस मसले पर किसान संघर्ष समिति मुखर हो गई है। समिति का आरोप है कि गरीब किसानों के क्रेडिट

हिमाचली स्टोन फ्रूट ने इस बार देश भर की मंडियों में धूम मचा दी है। प्लम हो या खुमानी, बादाम हो या फिर चेरी हर फल को भरपूर दाम मिल रहे हैं। अपनी माटी के इस अंक में हमारी टीम ने स्टोन फ्रूट का जायजा लिया। तो पता चला कि अकेले ढली मंडी से रोजाना 30

2010 में 4 करोड़ सेब पेटी पैदावार हिमाचल में वर्ष 2010 में सेब की बंपर क्रॉप हुई थी। उस दौरान 4 करोड़ के लगभग सेब बॉक्स मार्केट में पहुंचे थे।  जबकि 2016 में यह दर 2.35 करोड़ सेब बॉक्स और 2017 में 2.79 करोड़ सेब बॉक्स रहे। अब इसके बढ़ने की उम्मीद की जा रही