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कन्या के माता-पिता से गणपति नवग्रह पूजन-कलश पूजन करवाया जाता है। फिर अग्नि स्थापना के बाद कन्या को मंडप में लाया जाता है। कन्या का दाहिना हाथ पिता के हाथ में देकर कन्या की माता सवोषधी दुग्ध जल, शंख, चंदन, पंचरत्न से युक्त गंगाजल की मिश्रित जल धारा गिराती है… गतांक से आगे … बेदी:

कसौली की सैनिक छावनियों के सैनिकों को अंबाला की ओर कूच करने के आदेश दिए और स्वयं भी आतंक व हड़बड़ाहट में अंबाला की ओर रवाना हुआ। देशी सेना ने अपने सेनापति के आदेश का पालन नहीं किया। गाय और सूअर की चर्बी लगे कारतूसों के प्रयोग से क्रोधित सेना ने अंग्रेज अफसरों का  घेराव

वेलेंटाइन का मतलब यह भी नहीं है कि एक लड़का एक लड़की से ही प्यार का इजहार  करता है। एक बेटा अपनी मां को, अपने पापा को, अपने  भाई -बहन को सबके साथ इस दिन को मना सकता है… प्यार का दिन , प्यार के इजहार का दिन। अपने जज्बातों को शब्दों में बयां करने

अकबर सिकंदर शाह सूरी का पीछा करने के लिए पहाड़ों में बहुत भीतर तक प्रवेश कर गया था। 1558 ई. में सिकंदर शाह ने माओकोट के किले में शरण ली। नूरपुर के राजा ने उसकी सहायता की। मुगल सेना ने सिकंदर शाह को तो परास्त किया ही, नूरपुर के राजा को भी पकड़ कर लाहौर

सर्वप्रथम 1905 में लार्ड कर्जन ने नालदेहरा में गोल्फ खेला। 1905 में गोल्फ खेल का आरंभ जो यहां हुआ, वह आज भी अपनी चरम सीमा पर जारी है। हिमाचल प्रदेश के निर्माता डा. यशवंत सिंह परमार भी नालदेहरा में गोल्फ खेला करते थे… गतांक से आगे … नगरोटा बगवां इसकी स्थापना भागवान नाम की एक

इस महीने में शुक्ल पक्ष की अमावस्या, पूर्णिमा और सप्तमी तिथि का बहुत महत्त्व है। इस सप्तमी को सालभर की सप्तमी में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसे करने से सौभाग्य प्राप्त होता है। इस सप्तमी को शास्त्रों में रथ सप्तमी, अचला सप्तमी, पुत्र सप्तमी, भानु सप्तमी और अर्क सप्तमी भी कहा गया है। यदि अचला

आपने ऐसे कई मंदिरों के बारे में सुना होगा, जिनके बारे में मान्यताएं प्रचलित हैं कि वहां साक्षात भगवान का वास होता है, लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है कि भगवान का बसेरा किसी तालाब आदि में भी हो सकता है। जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं। अब इतना तो सब जानते ही

नर्मदा जयंती मां नर्मदा के जन्मदिवस यानी माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है। नर्मदा जयंती मध्य प्रदेश राज्य के नर्मदा नदी के तट पर मनाई जाती है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को शास्त्रों में नर्मदा जयंती कहा गया है। नर्मदा अमरकंटक से प्रवाहित होकर रत्नासागर में