मैगजीन

पीपल के पेड़ का धर्मशास्त्रों में सबसे ज्यादा महत्त्व बताया गया है। इस एक पेड़ को मुक्ति के लाखों करोड़ों उपायों के समकक्ष निरूपित किया है। गीता में भी श्रीकृष्ण ने पीपल को श्रेष्ठ कहा है। वनस्पति जगत में पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है जिसमें कीड़े नहीं लगते हैं। यह वृक्ष सर्वाधिक आक्सीजन छोड़ता

प्रिया एक बुद्धिमान और समझदार बालिका थी। अपने माता-पिता की इकलौती बेटी होने के कारण उसे सदैव खूब लाड़-प्यार मिलता था। खेल और पढ़ाई में प्रिया की खास रुचि थी। उसका परिवार एक छोटा परिवार था, जिसमें वह अपने मां और पिताजी के साथ रहती थी। प्रिया पापा के साथ बैठकर पढ़ती तो खेल में

एक सेना की टुकड़ी जनरल ब्हीलर के नेतृत्व में रामसिंह को पकड़ने आई। रामसिंह ने अंग्रेजों के विरुद्ध कई दिनों तक गुरिल्ला युद्ध जारी रखा, जिसके कारण अंग्रेजी सेना को भारी क्षति पहुंची। अंग्रेजों ने राम सिंह को तीनों ओर से घेर लिया। घमासान युद्ध हुआ। राजपूत वीरता से लड़े।… गतांक से आगे … साहसी

‘भांगड़ा पा ले’ आरएसवीपी की 2019 की फिल्मों की सूची से एक फिल्म है जिसे रमेश तौरानी की बेटी स्नेहा तौरानी द्वारा निर्देशित किया जाएगा। इस फिल्म के साथ स्नेहा निर्देशन के क्षेत्र में अपनी पहली पारी खेल रही है। यह फिल्म संगीत और नृत्य की दुनिया में स्थापित है। ‘भांगड़ा पा ले’ में पंजाब

ऐसी एक पतंग बनाएं जो हमको भी सैर करवाए। कितना अच्छा लगे अगर उड़े पतंग हमें लेकर पेड़ों से ऊपर पहुंचे धरती से अंबर पहुंचे इस छत से उस छत जाए आसमान में लहराए खाती जाए हिचकोले उड़न खटोले सी डोले डोर थमा कर डटे रहे साथ मित्र के सटे रहे। विजय पताका फहराएं हम

चंगू : लगता है , मुझसे कर्ज लेकर तुम भूल गए हो। मंगू : नहीं तो,  अगर भूल जाता तो तुम्हें देखकर मैं भागता क्यों। *** गब्बर  : मच्छरों को मार दो। सांभाः ठीक है। गब्बरः अरे मच्छर फिर भिनभिना रहे हैं, मारे नहीं? सांभाः मच्छर तो मार दिए हैं,  ये तो उनकी विधवाएं हैं

गतांक से आगे … जानकारी प्राप्त करने का अधिकार जानकारी संसद के लिए बहुत महत्त्व रखती है। इसके किसी भी कृत्य के प्रभावी निर्वहन के लिए यह सबसे पहली आवश्यकता है। संसद को अनेक प्रकार से, विभिन्न स्रोतों से जानकारी प्राप्त होती है, परंतु सरकार क्योंकि जानकारी का सबसे बड़ा स्रोत है। अतः संसद एवं

1849 ई. में 72,873 रुपए, जो उन दिनों एक बहुत बड़ी राशि समझी जाती थी, से निर्मित डगशाई जेल में 54 कैदी कोठरियां हैं। इनमें वे एकांत कोठरियां भी शामिल हैं, जो प्रकाश की किरण से भी विहीन थीं और जहां कैदी मुश्किल से खड़ा भी नहीं हो सकता था… गतांक से आगे … डगशाई