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हिमाचल प्रदेश विवि और रिजनल सेंटर धर्मशाला सहित सभी प्राइवेट कालेजों में अब नए सत्र में भी दो साल की ही बीएड होगी। एचपीयू की 8500 सीटों के लिए पुरानी व्यवस्था रहेगी। नई शिक्षा नीति के तहत दो साल के स्पेशल...

नई दिल्ली। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज ने नीट एमडीएस के एडमिट कार्ड 2024 जारी कर दिए हैं। जिन उम्मीदवारों ने मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी 2024 परीक्षा के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम ...

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (एनईईटी) अंडरग्रेजुएट परीक्षा में अब दो महीने भी नहीं बचे हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नीट यूजी एग्जाम 2024 में बड़ा बदलाव कर दिया है। इसे लेकर रिवाइज्ड...

हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से कंडक्टर भर्ती के 360 पदों के लिए लिखित परीक्षा और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद फाइनल नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। लोक सेवा आयोग की वेबसाइट पर ये सूची उपलब्ध है। इससे पहले इन पदों के लिए लिखित परीक्षा करवाई गई थी...

होलाष्टक शब्द होली और अष्टक दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसका भावार्थ होता है होली के आठ दिन। इसकी शुरुआत होलिका दहन के सात दिन पहले और होली खेले जाने वाले दिन के आठ दिन पहले होती है और धुलेंडी के दिन से इसका समापन हो जाता है। यानी कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से शुरू होकर पूर्णिमा तक होलाष्टक रहता है। अष्टमी तिथि से शुरू होने के कारण भी इसे होलाष्टक कहा जाता

लट्ठमार होली ब्रज क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध त्योहार है। होली शुरू होते ही सबसे पहले ब्रज रंगों में डूबता है। यहां भी सबसे ज्यादा मशहूर है बरसाना की ल_मार होली। बरसाना राधा का जन्मस्थान है। मथुरा (उत्तर प्रदेश) के पास बरसाना में होली कुछ दिनों पहले ही शुरू हो जाती है...

आमलक्य एकादशी अथवा आमलकी एकादशी फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में एकादशी तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस तिथि को बड़ा ही पवित्र तथा महत्त्व का बताया गया है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है और उन्हीं के निमित्त इस तिथि पर व्रत, भजन-कीर्तन आदि किया जाता है। आमलक वृक्ष (आंवला), जिसमें हरि एवं लक्ष्मी जी का वास होता है, के नीचे श्रीहरि की पूजा की जाती है। हेमाद्रि व्र

यह पीठ हमीरपुर से 45 किलोमीटर दूर दियोटसिद्ध नामक सुरम्य पहाड़ी पर है। इसका प्रबंध हिमाचल सरकार के अधीन है। हमारे देश में अनेकानेक देवी-देवताओं के अलावा नौ नाथ और चौरासी सिद्ध भी हुए हैं, जो सहस्रों वर्षों तक जीवित रहते हैं और आज भी अपने सूक्ष्म रूप में वे लोक में विचरण करते हैं। भागवत पुराण के छठे स्कंद के सातवें अध्याय में वर्णन आता है कि देवराज इंद्र की सेवा में जहां देवगण और अन्य सहायकगण थे, वहीं सिद्ध भी शामिल थे। नाथों में गुरु गोरखनाथ का नाम आता है। इसी प्रकार 84 सिद्धों में बाबा बालक नाथ जी का नाम आता है। बाबा बालक नाथ जी के बारे में प्रसिद्ध है कि इनका जन्म युगों-युगों में होता रहा है...

हिंदू पंचांग के अनुसार, 20 मार्च यानी आमलकी एकादशी के दिन बाबा श्याम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ऐसे में प्रसिद्ध बाबा खाटू श्याम का लक्खी मेला 21 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। वहीं, बाबा श्याम का मुख्य लक्खी मेला 20 मार्च को होगा। इस बार लक्खी मेला 10 दिवसीय होगा। इस मेले में देशभर से लाखों भक्त पहुंचते हैं। खाटूश्याम जी को श्रीकृष्ण ने वरदान में अपना नाम श्याम दिया था...