कम्पीटीशन रिव्यू

थल सेना दिवस प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी, को ‘भारतीय थल सेना’ के लिए पूरे भारत में मनाया जाता है। वस्तुत ः ‘थल सेना दिवस’ देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर सपूतों के प्रति श्रद्धांजलि देने का दिन है। यह दिन देश के प्रति समर्पण व कुर्बान होने

हिमाचली का भौगोलिक परिचय – भाग-4 हिमाचल प्रदेश ऐसे ही हिमालय पर्वत की गोद में स्थित है, जो पर्वत श्रेणियों में विश्व भर में सबसे कम आयु का है। दस करोड़ वर्ष पहले भारत एशिया की ओर सरक रहा था, तब उत्तर की ओर टेथीस सागर में ज्वालामुखी टापुओं की एक शृंखला बन गई थी। जब

हिमाचली संस्कृति भाग-4 किन्नर और किरात जाति के बाद एक और जाति का नाम आता है। यह जाति यक्ष नाम से जानी जाती है। वैदिक साहित्य में इसे ‘ब्रह्मा’ शब्द लिखा गया है। जबकि परवर्ती साहित्य में ‘वीर’ कहा गया है। जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर संभवतः यक्ष ही थे। ऐसा कुछ विद्वानों का मत है।

कसौली व आसपास के क्षेत्रों में जीवाश्म मिलने का सिलसिला ब्रिटिश काल से जारी है। सन् 1864 में अंग्रेज वैज्ञानिकों ने कसौली के अपर माल पर कसौली क्लब के पास जीवाश्मों को ढूंढा था। वहीं, जल, भू- वैज्ञानिक डा. रितेश आर्य ने 1989 में कसौली में डाक्टरेट रिसर्च शुरू की और उन्हें काफी संख्या में

सदाबहार अभिनेता देवानंद और सुरीली आवाज से फिल्मफेयर जीतने वाले मोहित चौहान के अलावा सैकड़ों हस्तियां धर्मशाला में पढ़ने के बाद राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपना व क्षेत्र का नाम रोशन कर रही हैं… पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने शिक्षण संस्थान की बात की जाए तो पीजी कालेज धर्मशाला एकमात्र ऐसा संस्थान

जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने हाल ही में देश के नए सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला है। जनरल नरवणे 28वें थल सेनाध्यक्ष हैं, जो 13 लाख सैनिकों वाली थलसेना की अगुवाई करेंगे। इससे पहले सेना प्रमुख रहे जनरल बिपिन रावत ने सेनाध्यक्ष के तौर पर अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया। जनरल रावत को

सेल्फ फाइनांस कोर्स में करियर संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने डा. ज्योति कुमार पीजी  कालेज धर्मशाला के प्रिंसीपल, सेल्फ फाइनांस कोर्स के चेयरमैन से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश… डा. ज्योति कुमार पीजी कालेज धर्मशाला के प्रिंसीपल, सेल्फ फाइनांस कोर्स के चेयरमैन आज के दौर में विशेष प्रोफेशनल कोर्सिज

बायोटेक्नोलॉजी में संभावनाओं के बारे में बताएं।   — रमेश कुमार, मंडी यह निस्संदेह एक उभरता हुआ क्षेत्र है। आने वाले समय में इसकी उपयोगिता मानव जीवन से जुड़े कार्यकलापों में बढ़ती हुई देखी जा सकती है। इस क्षेत्र में बेहतर संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। कृषि, चिकित्सा, उद्योग, फार्मास्यूटिकल इत्यादि क्षेत्रों