कम्पीटीशन रिव्यू

प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। परिणाम स्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई, जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। तब से लेकर

खुशबू 9वीं कक्षा की छात्रा, गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा जब देखती हूं नन्हें मुन्ने बच्चों को खेलते हुए, तो याद आता है बचपन। जब आता है बालदिवस तो याद आता है बचपन। जब देखती हूं, मां की गोद में बैठे हुए बच्चों को याद आता है बचपन। जब देखती हूं, बच्चों को अपनी मां के

पं. जवाहरलाल नेहरू जन्मदिवस 14 नवंबर नेहरू कश्मीरी ब्राह्मण परिवार के थे, जो अपनी प्रशासनिक क्षमताओं तथा विद्वता के लिए विख्यात थे और जो 18वीं शताब्दी के आरंभ में इलाहाबाद आ गए थे। इनका जन्म इलाहाबाद में 14 नवंबर, 1889 ई. को हुआ। वह पं. मोतीलाल नेहरू और श्रीमती स्वरूप रानी के एकमात्र पुत्र थे।

रूप चंद का नाम जुब्बल वंशावली में अवश्य मिलता है, जो संभवतः सोलहवीं शताब्दी के मध्य में हुआ था। उस समय जुब्बल और सिरमौर के आपसी संबंध अच्छे नहीं थे। माही प्रकाश का गुलेर के राजा की सहायता से हाटकोटी में युद्ध करने का जो उल्लेख मिलता है,संभवत: जुब्बल के राजा रूपचंद के साथ का

देवताओं ने देवी को अपनी शक्ति का अंश भी भेंट किया। भीमकाय शरीर होने की वजह से देवी का नाम भीमाकाली रखा गया। तभी देवी ने राक्षसों का अंत कर इस क्षेत्र को उनके आतंक से मुक्ति दिलाई। पुराणों के अनुसार सती के पिता दक्ष प्रजापति ने अपने दामाद भगवान शिव को अपने घर में

राजा संसार चंद के उपरांत उसका पुत्र धर्म चंद गद्दी पर बैठा। इस राजा ने लोगों  से लिए जाने वाले राजकर को आधा से घटा करके छठा हिस्सा कर दिया। उसने हिंदूर की सीमा पर एक किला बनवाया। इसके कारण दोनों राज्यों में वैर बढ़ गया और  अंत में उनमें युद्ध हो गया जिसमें हिंदूर

गद्दी चंबा के भरमौर क्षेत्र के निवासी हैं। वैसे ये लोग धौलाधार की उपत्यकाओं में बसतेे हैं। इतिहासकार, गद्दियों को मुस्लिम आक्रमर्णों के कारण पहाड़ों की ओर भाग कर आने वाले खत्री जाति के लोग मानते हैं, परंतु यह बात सत्य प्रतीत नहीं होती। यह तो संभव है कि मैदानों से खत्री जाति के लोग

सही इलाज और दवा के लिए आजकल क्लीनिकल प्रयोगशालाओं की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण है। मेडिकल सेक्टर के आधुनिक रूप में विस्तार पाने से मेडिकल लैब टेक्नीशियन की जरूरत काफी बढ़ गई है। किसी भी व्यक्ति के स्वस्थ होने में लैब टेक्नीशियन की भूमिका उतनी ही अहम होती है, जितनी डाक्टर की होती है। लैब टेक्नीशियन