कम्पीटीशन रिव्यू

नए प्रोफेशन इस क्षेत्र से जुड़कर आप अच्छा करियर बनाने के साथ ही पर्यावरण को साफ  रखने में भी योगदान कर सकते हैं। भारत में ई-वेस्ट की मात्रा तेजी से बढ़ी है और उसकी रीसाइक्लिंग के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है। देश में तेजी से खुल रही वेस्ट ट्रीटमेंट एजेंसियों ने इस क्षेत्र में

गांव के सरकारी स्कूल में कक्षा सात में पढ़ने वाला तरुण रोज अपनी घर की पगडंडी से होता हुआ स्कूल पहुंचता था। पिछले कुछ दिनों से उसे रास्ते में पड़ने वाले खेत के साथ लगते पेड़ पर रोज एक प्यारी-सी रंग-बिरंगी चिडि़यां दिखाई पड़ रही थी। वह चिडि़या शायद पहली बार ही इस इलाके में

दर्द क्या होता है ये उससे पूछो…. जिसका नेट स्लो चल रहा हो और गर्लफ्रेंड आनलाइन हो **** जज : घर में मालिक होते हुए तूने चोरी कैसे की ? चोर : साहब, आपकी नौकरी अच्छी है और सैलरी भी अच्छी है,  फिर आप ये सब सीख कर क्या करोगे। *** टीचर : टिटू बताओ

हिंदू धर्म में राम नाम का बड़ा महत्त्व है। तीन बार इस नाम का जप भगवान के नाम का 1000 हजार जप करने के बराबर होता है। यहां जब किसी को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है तब लोग ‘राम नाम सत्य है’ कहते जाते हैं। जब कि कभी किसी खुशी के माहौल

1 मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरुद्वारा, सभी जगह सम्मान यह पाए, पतली सी है काया जिसकी, जलती हुई महक फैलाए। 2  कई कपड़ों के पार हुई एक नहीं सौ बार हुई फिर भी न बेकार हुई और तेज मेरी धार हुई पूंछ है मेरी तो पूछ है । 3 दिन-रात मैं चलती रहती, न लेती थकने

कागज का इस्तेमाल तो आज पूरी दुनिया में हो रहा है, लेकिन क्या आपको कागज के इतिहास के बारे में पता है कि कागज का आविष्कार किसने, कब और कैसे किया। भारत में कागज का इस्तेमाल कब से शुरू हुआ।  आज कागज के बिना हमारे सभी काम अधूरे हैं, चाहे बच्चों की पढ़ाई हो या

प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। परिणाम स्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई, जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। तब से लेकर

खुशबू 9वीं कक्षा की छात्रा, गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा जब देखती हूं नन्हें मुन्ने बच्चों को खेलते हुए, तो याद आता है बचपन। जब आता है बालदिवस तो याद आता है बचपन। जब देखती हूं, मां की गोद में बैठे हुए बच्चों को याद आता है बचपन। जब देखती हूं, बच्चों को अपनी मां के

पं. जवाहरलाल नेहरू जन्मदिवस 14 नवंबर नेहरू कश्मीरी ब्राह्मण परिवार के थे, जो अपनी प्रशासनिक क्षमताओं तथा विद्वता के लिए विख्यात थे और जो 18वीं शताब्दी के आरंभ में इलाहाबाद आ गए थे। इनका जन्म इलाहाबाद में 14 नवंबर, 1889 ई. को हुआ। वह पं. मोतीलाल नेहरू और श्रीमती स्वरूप रानी के एकमात्र पुत्र थे।