कम्पीटीशन रिव्यू

स्कूल जाते वक्त क्यों रोते हैं बच्चे क्या आप जानते हैं कि कई बच्चे स्कूल जाते वक्त महज इसलिए रोते हैं क्योंकि वह आपसे कुछ कहना चाहते हैं यूं तो स्कूल के नाम पर सभी बच्चो का पसीना छूटने लगता है और ज्यादातर बच्चे स्कूल जाने के नाम पर रोने लगते हैं, लेकिन क्या आप

पति : ये कैसी दाल बनाई है। न नमक है, न मिर्च है, बिलकुल फीकी है । तुम सारा दिन मोबाइल में लगी रहती हो, कुछ पता नहीं चलता क्या डालना है क्या नहीं पत्नी : बेलन दिखाते हुए, पहले तुम मोबाइल साइड में रख कर रोटी खाओ कब से देख रही हूं पानी में

1.  खाते नहीं चबाते लोग, काठ में कड़वा रस संयोग। दांत जीभ की करे सफाई बोलो बात समझ में आई। 2. काले वन की रानी है, लाल-पानी पीती है। 3. अपनों के ही घर यह जाए तीन अक्षर का नाम बताए। शुरू के दो अति हो जाए अंतिम दो से तिथि बताए। 4. बीमार नहीं

क्रिमिनोलॉजी और फोरेंसिक साइंस पाठ्यक्रम करने के बाद रोजगार की क्या संभावनाएं हैं? — राघव, मंडी फोरेंसिक साइंस की सभी शाखाओं में इसके विशेषज्ञों की हमेशा मांग रहती है। केंद्रीय व राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही 24 फोरेंसिक लैब में विशेषज्ञों की भर्ती संघ लोक सेवा आयोग द्वारा की जाती है। फोरेंसिक मेडिसिन के

त्योहारों की भांति मेलों का भी पहाड़ी जीवन में विशेष महत्त्व है। जैसे कि देश के बहुत सारे त्योहार लोक गाथाओं और देवताओं से जुड़े हैं, वैसे ही हिमाचल के मेले भी देवताओं और त्योहारों से जुड़े हैं। मैदानों के मेलों की भांति पहाड़ों में मेलों के आयोजन का उद्देश्य दुकानें सजाकर क्रय-विक्रय न होकर

बुलेट्स, ब्लास्ट्स, बस्ट-अप्स और ढेर सारी कॉमेडी, जिम्मी शेरगिल और माही गिल की फैमिली ऑफ ठाकुरगंज एक पूरा पैकेज है, जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया है। उत्तर प्रदेश की प्रामाणिक पृष्ठभूमि पर आधारित कॉमेडी दर्शकों को शुरू से अंत तक जकड़ती है। निर्माता अजय कुमार सिंह दर्शकों से अपार प्यार पाने के बाद खुश

निखिल के दादा कुछ दिन पहले पास के शहर से एक तोता लेकर आ गए। यह शौक अचानक दादा को कहां से जागा, घर वालों को समझ नहीं आया। घर में आए इस तोते को देखकर सबसे ज्यादा खुशी निखिल को हुई। पर वह दादा से इस बात को लेकर नाराज भी हुआ कि वे

दलीप सिंह का पुत्र दुर्गा सिंह 1911 ई. में ग्यारह वर्ष की आयु में गद्दी पर बैठा। इनका जन्म 12 दिसंबर, 1901 को हुआ था तथा शिक्षा अटसिंचन कालेज लाहौर से। इनका विवाह टीहरी गढ़वाल के राजा कीर्ति शाह की पुत्री कुमारी शशि प्रभा से हुआ था, जिनकी अप्रैल, 1947 में मृत्यु हो गई। 1919

चंबा का उत्तरी क्षेत्र परगना साही- गुदियाल कहलाता है। इस क्षेत्र की उत्तर की शिखर श्रेणियों से प्रभावित होने वाली जलधारा  को होल खड्ड तथा पंचजुंगला की पर्वत श्रेणियों से बहने वाली खड्ड को कीड़ी खड्ड कहा जाता है।  साहल खड्ड अपने में सिल्लाघराट खड्ड तथा छोटी-छोटी अन्य खड्डों को साथ में लेते हुए चंबा