कम्पीटीशन रिव्यू

हाल ही में, बॉलीवुड हस्तियों ने फिल्मफेयर मिडल ईस्ट संस्करण के पहले सालगिरह का जश्न मनाया। यह कार्यक्रम ओमान में आयोजित किया गया था और दीपिका पादुकोण, जैकलीन फर्नांडीज, सोनम कपूर, जान्हवी कपूर, ईशान खट्टर, राजकुमार राव सहित अन्य लोगों की उपस्थिति में सुर्खियों में रहा था। जैकलीन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल को आज उस

चलती हूं पर पैर नहीं, कभी राह नहीं बदलती, चलती हूं टिक टिक कर, देख कर करते तुम सारे काम, तो बताओ मेरा नाम *** मंदिर मे हूं तो हर कोई शीश झुकाए, पर रास्ते मे मिलूं तो हर कोई ठोकर मारता जाए पहेली समझ आई तो कोई मेरा नाम तो बता जाए । ****

माता-पिता और बच्चों का संबंध अनादि काल से है। माता-पिता और बच्चों के संबंध को आदर्श बनाने के प्रयत्न आपको हर कहीं देखने को मिलते हैं, लेकिन क्या आज कल की युवा पीढ़ी इस रिश्ते को समझती है। मुझे लगता है, बड़ा कम। मैं किसी काम के सिलसिले सें पड़ोस के घर गई थी। उनकी

मैं इंडियन कोस्ट गार्ड से जुड़ कर करियर बनाना चाहती हूं। महिलाओं के लिए इसमें नौकरी की क्या-क्या संभावनाएं हैं? — कामिनी शर्मा, सोलन इंडियन आर्म्ड फोर्सेज की सबसे युवा ब्रांच इंडियन कोस्ट गार्ड है। ये हमारी 7615 किमी लंबी कोस्टलाइन की रक्षा करते हैं। कुछ काम ये इंडियन नेवी के साथ मिल कर भी

सिख पंथ की स्थापना बैशाख माह का अपना एक महत्त्व है, इसका एक गौरवपूर्ण इतिहास है। इतिहास की दृष्टि से 13 अप्रैल, 1699 में सिख पंथ की स्थापना हुई थी। सिखों के द्वितीय गुरु श्री अंगद देव जी का जन्म इसी माह में हुआ था। वहीं ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना, महाराजा विक्रमादित्य द्वारा

बच्चों आपने कभी न कभी अंधेरे में बैठी हुई बिल्ली को अवश्य देखा होगा। आपको उसका शरीर तो अंधेरे में दिखाई नहीं दिया होगा। परंतु उसकी चमकती पीली आंखें जरूर दिखाई दी होंगी। सवाल उठता है कि इनकी आंखें अंधेरे में चमकती क्यों हैं? बिल्ली की आंखों में एक विशेष पारदर्शी द्रव्य की पतली-सी परत

1944 में मुंबई बंदरगाह में अकस्मात आग लग जाने के कारण 66 अग्निशमन कर्मी वीरगति को प्राप्त हुए थे। इन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने व अग्नि से बचाव के उपाय बताने के लिए देशभर में यह दिवस मनाया जाता है। अग्निशमन दिवस अथवा राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल,को मनाया जाता है।

गाय और सुअर की चर्बी लगे कारतूसों के प्रयोग से यहां के सैनिकों में असंतोष फैला हुआ था। सिरमौर  बटालियन के ब्रिटिश कमांडर मेजर चार्ल्स रीड़ असंतुष्ट सैनिकों को कूच के लिए बाध्य न कर सके और भयानक विद्रोह की संभावना बढ़ती गई। सिरमौर रियासत के शासक से विशेष नाबालिग राजा की सहायता के लिए