कम्पीटीशन रिव्यू

निपाह वायरस का पहला मामला सबसे पहले सिंगापुर-मलेशिया में 1998 और 1999 में सामने आया था। यह सबसे पहले सुअर, चमगादड़ या अन्य जीवों को प्रभावित करता है और इसके संपर्क में आने से मनुष्यों को भी चपेट में ले लेता है। मलेशिया में सबसे पहले इसके लक्षण दिखाई दिए थे जब एक व्यक्ति को इस

जो व्यक्ति कड़ी मेहनत और हिम्मत से ऊंचाइयों तक पहुंचा होता है, उसे ही लोग अपना रोल मॉडल बनाते हैं, लेकिन ये मंजिलें उसी की हैं। किसी एक को अपना रोल मॉडल बनाकर न चलें, बल्कि जीवन में जो बीत रहा है उस अनुभव को अपना रोल मॉडल बनाएं और लक्ष्य प्राप्त करें… सच कहा

द्रविड़ अभी पूर्ण रूप से अपनी शक्ति सुदृढ़ नहीं कर पाए थे कि एक और जाति ने अपने पांव भारत भूमि पर रखे। इस जाति को आर्य कहा जाता है। धीरे-धीरे ये लोग सारे देश में फैल गए और सभी जातियों पर अपना प्रभाव जमा लिया। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि इसी तरह

असिस्टेंट डायरेक्टर संघ लोक सेवा आयोग पदों का विवरण – असिस्टेंट डायरेक्टर, असिस्टेंट रजिस्ट्रार। कुल पद- 18. शैक्षणिक योग्यता – पदानुसार। आयु  सीमा – पदों के अनुसार अलग-अलग। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि – 31 मई, 2018. आवेदन शुल्क –  अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांगजन और महिला वर्ग के लिए निशुल्क व सामान्य और ओबीसी वर्ग के

मैं इंडियन कोस्ट गार्ड से जुड़ कर करियर बनाना चाहती हूं। महिलाओं के लिए इसमें नौकरी की क्या-क्या संभावनाएं हैं? — वंदना राणा, सोलन इंडियन आर्म्ड फोर्सेज की सबसे युवा ब्रांच इंडियन कोस्ट गार्ड है। ये हमारी 7615 किमी लंबी कोस्टलाइन की रक्षा करते हैं। कुछ काम ये इंडियन नेवी के साथ मिल कर भी

शहनाज हुसैन ब्यूटी एक्सपर्ट, शहनाज हुसैन इंटरनेशनल ब्यूटी एकेडमी कॉस्मेटोलॉजी में  करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने शहनाज हुसैन से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश… कॉस्मेटोलॉजी में करियर का क्या स्कोप है? भारत में सौंदर्य से संबंधित कारोबार बड़ी तेजी से विस्तार ले रहा है। सौंदर्य व्यवसाय में

लोगों ने वहां पहली बैठक की और स्थिति से निपटने के लिए ‘पझौता किसान सभा’ का गठन किया। इस बैठक में  आंदोलन के लिए सभी जाति, वर्ग एवं धर्मों के लोगों को संगठित करने पर बल दिया गया। इसके प्रधान लक्ष्मी सिंह, गांव कोटला तथा सचिव वैद्य सूरत सिंह कटोगड़ा चुने गए.. पझौता किसान आंदोलन घराट, रीत विवाह आदि अनुचित

100 वर्ष पहले तक जिस घर में जितनी ज्यादा बल्टोहियां होती  थीं, उसे उतना ही अमीर व खानदानी समझा जाता था। रियासतों के अस्त्र, लॉकर व कुट्ट की कमाई के बदले में बल्टोही बनाने के काम का मुनाफा ज्यादा था तथा धीरे- धीरे पीतल के काम का रुझान गंगथ के कारोबारियों में बढ़ने लगा… गंगथ श्री बाबा क्यालू

सेना में अपनी सक्रिय सेवा के दौरान इन्होंने विश्व भर में भ्रमण किया। जब ब्रिटेन दूसरे विश्व युद्ध में शामिल हो गया, तो सूडान में कैरिम की पहाडि़यों में जर्मनी के विरुद्ध लड़ते हुए उनके शरीर के विभिन्न भागों में सात गोलियां लगी, परंतु वह बच गए। उनकी लंबी आयु की कुंजी कड़ा अनुशासन, सादा