प्रो. खोसला ने देश में वानिकी शिक्षा को नए आयाम प्रदान किए और हिमाचल प्रदेश विवि में वानिकी विषय में बीएससी, एमएससी व पीएचडी के कोर्स आरंभ करवाए। वहीं, सोलन के नौणी में डा. वाईएस परमार बागबानी एवं वानिकी (यूएचएफ) विवि की स्थापना में भी उनका अहम योगदान रहा … अपने मिशन के लिए समर्पित
दि ग्रेट खली एक ऐसा नाम है जिसने देश- विदेश के कई पहलवानों के छक्के छुड़ा दिए और पहलवानी के क्षेत्र में अपने देश का नाम रोशन किया । दलीप सिंह राणा से जन्म लेकर पैदा हुए खली ने भारत में एक ऐसा मुकाम प्राप्त किया, जिसे कोई पहलवान नहीं कर पाया था । साधारण
आज जब हम एक नए भारत का निर्माण करने में जुटे हैं, तब युवाओं के साथ-साथ ढलती पीढ़ी की भी ऊर्जावान सक्रियता अपेक्षित है। मशहूर ग्रीक फिलॉस्फर हेरोडोट्स का कहना है कि प्रतिकूलता हमारी मजबूतियों को सामने लाती है। जब आप अपनी सबसे बड़ी चुनौती के सामने सकारात्मक होते हैं और संरचनात्मक तरीके से रिस्पांस
फूड एंड बेवरेज में करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने राजन शर्मा से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश… राजन शर्मा प्रिंसीपल, फूड एंड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट खनियारा (धर्मशाला) फूड एंड बेवरेज में करियर की क्या संभावनाएं हैं? होटल एडं मैनेजमेंट का कोर्स करते हैं, तो विदेश जाने की संभावनाएं भी
जीएसटी का एक साल पूरा होने के मौके पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे देश में अप्रत्यक्ष करों की जटिलता खत्म हुई है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए श्री जेटली ने कहा कि जीएसटी के चलते टैक्स कलेक्शन में तो इजाफा हुआ ही है, इसके
हमले में उनके दांत चले गए और वह बुरी तरह जख्मी हुए। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद भी अपना योगदान जारी रखा। 1957 ई. में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने। 1952 ई. में ‘भाखड़ा पीडि़त संगठन’ बनाया। इनकी विशेष रुचि पहाड़ी क्षेत्रों की सांस्कृतिक एकता और विकास था… दौलत राम सांख्यान दौलतराम सांख्यान का
हीरा चंद ने अपने वजीर मियां भंगी की सहायता से राज्य की माली स्थिति को सुधारा। अब तक लोगों से भू-राजस्व अन्न के रूप में वसूल होता रहा। उसने भू-राजस्व विभाग को पुनः संगठित किया। यह फैसला किया कि भविष्य में लोगों से मालगुजारी आधी नकदी के रूप में और आधी अन्न के रूप में
इसे जस्वां दून घाटी के नाम से जाना जाता है। इसका क्षेत्रफल उत्तर-पश्चिम में दौलतपुर से दक्षिण में पंजाब तक फैला हुआ है। इस क्षेत्र में इसका विस्तार व्यापक है, जबकि उत्तरी क्षेत्र में यह घाटी कुछ संकीर्ण है। इस घाटी की चौड़ाई 7 से 14 किलोमीटर के बीच है… गतांक से आगे… स्वां घाटी